उत्तराखंड के लिए आज जहां एक और गर्व का पल था तो वहीं हर आंख नम थी। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में पर्वतारोही स्वर्गीय सविता कंसवाल को मरणोपरांत “तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहस पुरस्कार-2022” से सम्मानित किया । बता दें कि एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) हिमस्खलन त्रासदी में जान गंवाने वाली बेटियों के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेंगी। विपरीत परिस्थितियों के बीच सविता ने कड़े संघर्ष से अपनी पहचान बनाई और 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट व इसके ठीक 16 दिन बाद माउंट मकालू पर्वत (8463 मीटर) पर सफल आरोहण किया। इस राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बनाने वाली सविता पहली भारतीय महिला थी। लेकिन वह इतनी जल्दी दुनिया को अलविदा कह गई।
सविता उत्तरकाशी के गांव लौंथरु की निवासी थी। आज उनकी बहादुरी के लिए उनके स्वजन उनकी मां कमलेश्वरी देवी और पिता राधेश्याम कंसवाल को “ मरणोपरांत देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के द्वारा तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड” से सम्मानित किया गया । राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने पहुंचे परिवार की आंखों में आंसू थे। बूढ़े पिता जब अवॉर्ड ले रहे थे तो हर किसी की निगाहें उनकी मां और बहन पर थीं, जिनकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे थे।