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पिथौरागढ़ से आदि कैलाश यात्रा शुरू, 49 श्रद्धालुओं का पहला जत्था हुआ रवाना

पिथौरागढ़ से आदि कैलाश यात्रा शुरू, 49 श्रद्धालुओं का पहला जत्था हुआ रवाना

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचूला आधार शिविर पर मंगलवार को 49 श्रद्धालुओं का पहला जत्था पहुंचा और इसके साथ ही आदि कैलाश यात्रा की शुरुआत हो गई। धारचूला से श्रद्धालु जोलिंगकोंग जाएंगे, जहां से पवित्र आदि कैलाश चोटी के दर्शन होते हैं।

कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के महाप्रबंधक विजयनाथ शुक्ला ने कहा, ”देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए 32 पुरुष और 17 महिला तीर्थयात्रियों का पहला जत्था धारचूला पहुंच गया है।” जोलिंगकोंग में 18,500 फुट की ऊंचाई पर एक झील के किनारे स्थित भगवान शिव और देवी पार्वती के मंदिर के कपाट सोमवार को खुल गए। यहीं से श्रद्धालु आदि कैलाश चोटी के दर्शन करेंगे।

मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल सिंह कुटियाल ने बताया कि मंदिर के कपाट खोले जाने के अवसर पर 200 से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे। जोलिंगकोंग को पिछले साल अक्टूबर में तब प्रसिद्धि मिली, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झील किनारे स्थित मंदिर में पूजा की तथा वहां से आदि कैलाश चोटी के दर्शन किए। धारचूला आधार शिविर में केएमवीएन के प्रभारी धन सिंह बिष्ट ने बताया कि हर जत्थे को आदि कैलाश की यात्रा पूरी करने में सात दिन का समय लगेगा और इस दौरान उन्हें पिथौरागढ़, धारचूला, गुंजी (दो रात), बूंदी, चौकोरी और भीमताल में ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आठवें दिन श्रद्धालु नयी दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

वहीं धन सिंह बिष्ट ने बताया कि इस साल देश भर के 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इस यात्रा के लिए पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आदि कैलाश यात्रा मई और जून में चलेगी। इसके बाद मानूसन के दौरान जुलाई और अगस्त में बंद रखे जाने के बाद फिर सितंबर से नवंबर तक चलेगी।

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