देहरादून, 27 जुलाई। ग्राफिक एरा अस्पताल के विशेषज्ञों ने एक छोटा सा चीरा लगाकर सफल ओपन हार्ट सर्जरी कर दी। बड़े चीरे और सीने की हड्डी काटे बगैर एक हफ्ते में ऐसे दो ऑपरेशन करके इन विशेषज्ञों ने ओपन हार्ट सर्जरी की दिक्कतों को बहुत कम कर दिया है। इन दोनों मरीजों को ज्यादा दिन आईसीयू में भी नहीं रखना पड़ा।
चिकित्सा विज्ञान की एकदम नई तकनीक के जरिये दो से ढाई इंच का चीरा लगाकर ये ओपन हार्ट सर्जरी की गई है। सामान्य रूप से बाई पास सर्जरी या ओपन हार्ट सर्जरी के लिए पसलियों को जोड़ने वाली चेस्ट की हड्डी काटने के साथ ही करीब छह इंच का चीरा लगाया जाता है। ढ़ाई ईंच तक का चीरा लगाकर कामयाब ओपन हार्ट सर्जरी करने वाले विशेषज्ञों के दल के प्रमुख व ग्राफिक एरा अस्पताल के हृदय रोग विभाग के एचओडी डॉ० अखिलेश पांडेय ने बताया कि इस नई तकनीक से ओपन हार्ट सर्जरी करने पर बहुत कम खून निकलता है और मरीज को ऑपरेशन के बाद होने वाला दर्द भी बहुत कम होता है। इस कारण मरीज को आईसीयू में कम दिन रखना पड़ता है और वह जल्द ठीक होकर घर चला जाता है।
डॉ० पांडेय ने बताया कि सामान्य विधि से ओपन हार्ट सर्जरी करने के बाद मरीज को करीब तीन महीने तक गाड़ी चलाने, बाल्टी, ब्रीफकेस आदि उठाने को मना किया जाता है, लेकिन इस तकनीक से ओपन हार्ट सर्जरी कराने पर अब मरीज हफ्ते – दस दिन बाद ऐसे सारे काम कर सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसे दोनों ऑपरेशन देहरादून निवासी बुजुर्गों के किये गये हैं। इनमें एक की आयु 80 वर्ष है और दूसरे की 60 वर्ष। दोनों अब ठीक हैं।
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ० पांडेय ने बताया कि इसी तकनीक से छह माह में ग्राफिक एरा अस्पताल में हार्ट के वाल्व बदलने के दस और छोटे बच्चों के दिल के छेद ठीक करने के छह ऑपरेशन किये गए हैं और ये सभी पूरी तरह सफल रहे हैं। नई तकनीक से ओपन हार्ट सर्जरी करने वाले विशेषज्ञों के इस दल में डॉ० राज प्रताप सिंह, डॉ० पुलकित मल्होत्रा और डॉ० सत्य प्रकाश शामिल थे।
ग्राफिक एरा अस्पताल के निदेशक डॉ० पुनीत त्यागी ने इसे हार्ट के ऑपरेशन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव करार देते हुए कहा कि छोटा चीरा लगाने और चेस्ट की हड्डी न काटे जाने के बावजूद ओपन हार्ट और बाई पास सर्जरी करना मरीजों की परेशानी और दर्द कम करने वाली नई तकनीक है। दिल के वाल्व बदलने और हार्ट के छेद के ऑपरेशन इस तकनीक से करने के बाद ओपन हार्ट सर्जरी के लिए इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है। डॉ० त्यागी ने कहा कि ग्राफिक एरा अस्पताल में नई तकनीकों से जुड़ी अत्याधुनिक मशीनों और बहुत अनुभवी विशेषज्ञ होने के कारण विभिन्न रोगों के उपचार में नई तकनीकें उपयोग में लाई जा रही हैं।
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