प्रदेश सरकार ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत बच्चों और किशोरों में मानसिक रोगों की स्थिति जानने के लिए सर्वे शुरू किया है। यह सर्वे दून मेडिकल कॉलेज और बंगलुरू स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस) की टीम द्वारा किया जा रहा है। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि इस सर्वे का उद्देश्य मानसिक रोगों के कारणों और निदान को समझना है।
डा. कुमार ने बताया कि सरकार मानसिक रोग से ग्रसित लोगों के समुचित इलाज और उनके अधिकारों के प्रति संकल्पित है। राज्य में 107 सरकारी और गैर सरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, नशा मुक्ति केंद्र पंजीकृत हैं। राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और मानसिक स्वास्थ्य पुनर्विलोकन बोर्ड इन केंद्रों का औचक निरीक्षण करते हैं ताकि मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके।
डा. कुमार के अनुसार, निमहांस और दून मेडिकल की टीम प्रदेश के बच्चों और किशोरों में ऑटिज्म, बुद्धिमता का अभाव और आम मानसिक विकारों पर सर्वे कर रही है। निमहांस ने पिथौरागढ़ में ‘नमन’ नामक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें मेडिकल स्टाफ को मानसिक रोगों के मद्देनजर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके अलावा, सेलाकुई में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान को उच्चीकृत कर 100 बेड का मानसिक अस्पताल बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है। नैनीताल के गेठिया में 100 शैय्यायुक्त मानसिक चिकित्सालय बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है। समाज कल्याण विभाग दो पुनर्वास केंद्रों का निर्माण भी कर रहा है।