देहरादून: उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को 200 करोड़ के उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्टाटर्अप को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। रतूड़ी ने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि, मत्स्य पालन, हॉर्टिकल्चर और डेयरी से सम्बन्धित स्टाटर्अप को स्थापित करने में युवाओं को प्रोत्साहित और सहायता के निर्देश दिए।
ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के निर्देश
रतूड़ी ने सोशल वेंचर के तहत अधिकाधिक महिला स्वयं सहायता समूहों व महिलाओं को स्थानीय उत्पादों विशेष रूप से स्थानीय मिलेट्स के उत्पादन तथा प्रसंस्करण के माध्यम से स्टाटर्अप स्थापित करने में सहायता के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने पिरूल (पेड़ों से गिरे सूखे पत्ते) के उपयोग पर आधारित स्टाटर्अप को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग को भी इस कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड के तहत चयनित किए जाने वाले ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड (एआईएफ) को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं, जिनके माध्यम से उत्तराखण्ड की आर्थिकी पर ठोस सकारात्मक प्रभाव दिखे तथा राज्य में रोजगार सृजन, तकनीकी सांझेदारी तथा पूंजीगत निवेश को प्रोत्साहन मिले।
‘ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को प्राथमिकता दी जाए, जो…’
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखण्ड स्टाटर्अप पॉलिसी 2023 की थीम पर चलने वाले अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को ही निवेश हेतु चयनित किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फण्ड को प्राथमिकता दी जाए, जो राज्य के मुख्य फोकस सेक्टर तथा उभरती हुई तकनीक में निवेश में रूचि रखते हो। उन्होंने सार्वजनिक निधि का लाभ उठाते हुए, राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य की आर्थिकी को फायदा पहुंचाने वाले स्टार्टअप को विकास निधि या वेंचर ऋण प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखंड के युवाओं को अपने स्टार्टअप को पंजीकृत कराने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।