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आइसक्रीम फैक्ट्री का भ्रमण करके बच्चों ने जाना, कैसे होता है बिजनेस

आइसक्रीम फैक्ट्री का भ्रमण करके बच्चों ने जाना, कैसे होता है बिजनेस

* मानव भारती स्कूल के कक्षा 11वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं को बिजनेस स्टडी टूर

देहरादून। मानव भारती स्कूल के बिजनेस स्टडी टूर के लिए 11 एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं ने डोईवाला ब्लॉक के कालूवाला स्थित आइसक्रीम फैक्ट्री का भ्रमण करके जाना कि आइसक्रीम कैसे बनती है। इस दौरान उन्होंने आइसक्रीम फैक्ट्री संचालक बुद्धि सिंह ज्याड़ा से एक सफल उद्यमी बनने तथा मार्केटिंग की रणनीति पर प्रश्न पूछे। 

मानव भारती स्कूल देहरादून के कॉमर्स विषय के 44 बच्चों का दल शिक्षिका आरती रतूड़ी एवं अंकित के निर्देशन में कालूवाला स्थित आइसक्रीम फैक्ट्री सुंदरम डेयरी पहुंचे। फैक्ट्री संचालक बुद्धि सिंह ज्याड़ा ने बच्चों से संवाद करने से पहले उनको आइसक्रीम के अलग-अलग फ्लेवर का स्वाद लेने को कहा। श्री ज्याड़ा ने बताया, उन्होंने उत्तराखंड में पहली बार आइसक्रीम में बुरांश का प्रयोग किया, जिसको काफी पसंद किया जा रहा है।

एक छात्र ने उनसे पूछा, अभी तक के आपके अनुभव के आधार पर, आइसक्रीम उत्पादन क्या लाभ का बिजनेस है। श्री ज्याड़ा ने उनको बताया, कोई भी बिजनेस नुकसान के लिए नहीं किया जाता। हमने मार्केट रिसर्च और इस क्षेत्र में विशेषज्ञता होने के बाद ही आइसक्रीम फैक्ट्री शुरू की। शुरुआती वर्ष में आप लाभ की उम्मीद नहीं कर सकते। आपको बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं। हमें फैक्ट्री शुरू करते ही कोविड-19 में भारी नुकसान उठाना पड़ा। आपको धैर्य रखना होगा, साथ ही अपने व्यवसाय पर कुशलता, लगन एवं इनोवेटिव आइडिया के साथ काम करना होगा। ऐसा नहीं हो सकता, फैक्ट्री लगाने के बाद, हम बाहर घूमते रहें। उद्यम तभी विकसित हो सकता है, जब हम उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। बिजनेस होता ही लाभ के लिए है। अभी तक हमारा अनुभव सकारात्मक है। 

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