उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के प्रस्ताव पर गंभीरता से चर्चा की गई। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि जिन कर्मचारियों ने 10 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें नियमित किया जाएगा। हालांकि, कट ऑफ डेट को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है, इसलिए इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में फिर से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस प्रस्ताव के अंतर्गत लगभग 15,000 तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की संभावना है। यह मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है, और पिछले कुछ वर्षों में इसे लेकर कई बार नियमावली में संशोधन किया गया है। बैठक में कट ऑफ डेट के रूप में वर्ष 2018 और 2024 के विकल्पों पर चर्चा हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे आगे की बैठक में विचार के लिए रखा गया है।
साल 2013 की विनियमितीकरण नियमावली के आधार पर ही संशोधित नियमावली तैयार की गई थी, और इस पर मार्च 2024 में धामी मंत्रिमंडल ने भी सहमति दी थी। फिर भी, कुछ तकनीकी कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका था, लेकिन अब इस पर एक बार फिर सकारात्मक निर्णय लेने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।