Top Banner
अमेरिका छोड़ दिल्ली बसने वाली क्रिस्टेन ने कहा भारत में बेहतर है बच्चों का भविष्य

अमेरिका छोड़ दिल्ली बसने वाली क्रिस्टेन ने कहा भारत में बेहतर है बच्चों का भविष्य

क्रिस्टेन अपने पति के साथ घूमने भारत आई थीं, लेकिन भारत उन्हें इतना पसंद आया कि उन्होंने यहीं बसने का फैसला कर लिया। वह चाहती हैं कि उनके बच्चे यहीं पले-बढ़ें।

दुनिया में कई जगहें घूमने के लिए लोकप्रिय हैं, लेकिन अगर कोई शांति और आध्यात्मिकता की तलाश में है, तो भारत सबसे अलग नजर आता है। अमेरिका की रहने वाली क्रिस्टेन फिशर 2017 में अपने पति के साथ भारत घूमने आई थीं, और भारत की जीवनशैली ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने दो साल पहले यहीं बसने का फैसला कर लिया। तीन बच्चों की मां क्रिस्टेन ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में बताया कि उन्हें भारत अमेरिका से ज्यादा क्यों पसंद है।

अपने वीडियो में क्रिस्टेन ने कहा कि अमेरिका में लोग अक्सर अकेले रहते हैं और वहां सामुदायिकता की कमी है। इसके विपरीत, भारत में जीवन में सामुदायिकता, संस्कृति और आपसी संबंधों का महत्व है, जो अमेरिका में दुर्लभ है। उन्होंने कहा, “भारत में पैसा ही सबकुछ नहीं है, यहां जीवन का मूल्य है। यही बात मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करती है।”

क्रिस्टेन ने वीडियो के कैप्शन में यह भी लिखा कि लोगों का मानना है कि अमेरिका में जीवन की सुविधाएं बेहतर हैं, लेकिन वह इस विचार को चुनौती देती हैं। उन्हें लगता है कि उनके बच्चे भारत में रहकर ज्यादा समृद्ध और जीवन से भरपूर अनुभव प्राप्त करेंगे, जो उन्हें अमेरिका में नहीं मिल सकता था।

उन्होंने आगे कहा कि बहुत से भारतीय, जो विदेशों में रहते हैं, भारत वापस लौटना चाहते हैं। उनके अनुसार, जीवन में सिर्फ पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण अनुभव और रिश्ते हैं। “यह सही है कि अमेरिका में अधिक पैसा है, लेकिन भारत में जीवन का असली वैभव है, जो अमेरिका में नहीं मिल पाता।”

क्रिस्टेन का कहना है कि भारत में कोई अकेला महसूस नहीं करता। वह कई ऐसे भारतीयों से मिली हैं, जो विदेश में रहते हुए अकेलापन महसूस करते हैं। अगर आपका लक्ष्य सिर्फ पैसा कमाना है, तो आप अमेरिका में खुश रह सकते हैं, लेकिन उनके लिए जीवन के अनुभव पैसे से ज्यादा मायने रखते हैं। इस वीडियो को हजारों लोगों ने देखा है, और इसमें क्रिस्टेन ने बताया कि भारत में क्रय शक्ति अमेरिका से बेहतर है।

Please share the Post to: