श्रीनगर (28 सितंबर 2024)- हेमवती नंदन बहुगुण गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़ा समारोह का समापन भव्य रूप से किया गया। यह पखवाड़ा 14 सितंबर 2024 से शुरू हुआ था, जिसका उद्घाटन भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित हिंदी दिवस समारोह के दौरान दिल्ली स्थित भारत मंडपम में किया गया था। गढ़वाल विश्वविद्यालय की ओर से राजभाषा प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रो. गुड़डी बिष्ट पंवार ने इस उद्घाटन समारोह में भाग लिया और विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया।
हिंदी पखवाड़ा समारोह के अंतर्गत 14 सितंबर 2024 को हिंदी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में शोध छात्र आकाश दीप व नवीन द्वारा “राजभाषा हिंदी में हस्ताक्षर अभियान” आयोजित किया गया। इस अभियान की शुरुआत माननीय कुलपति महोदया प्रो० अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा मेरी भाषा मेरा हस्ताक्षर स्लोगन लिखकर की गई। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एन.एस. पंवार सहित अन्य अधिकारियो, शिक्षकों, कर्मचारियों, और शोधार्थियों ने भी इस अभियान में भाग लिया और अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। इस दौरान, हिंदी पखवाडा के तहत गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा कर्मचारियों और विद्यार्थियो के लिए निबंध लेखन, सामान्य ज्ञान, श्रुतलेखन, सुलेख, जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएँ का आयोजन किया गया।
समापन समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो० अन्नपूर्णा नौटियाल ने की। अपने वक्तव्य में उन्होंने प्रशासनिक एवं शैक्षणित कार्यों में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. नवीन चंद्र लोहानी, हिंदी विभाग के अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ रहे, उन्होंने हिन्दी भाषा के महत्व और उपयोगिता पर विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही उन्होंने चीन में हिन्दी भाषा पठन-पाठन की प्रक्रिया करने में भागीदारी जताया।
समारोह में प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया और हिन्दी को देश की आत्मा बताते हुए इसके प्रचार प्रसार पर जोर दिया । विश्वविद्यालय कुलपति ने कहा कि न केवल हिन्दी संवाद का माध्यम है बल्कि भारतीय संस्कृति और विचारों का प्रतिबिंब भी है। समारोह के दौरान कुलपति और प्रो. लोहानी के करकमलों द्वारा गढ़वाल विश्वविद्यालय की हिन्दी विभागाध्यक्षा प्रो० गुडड़ी बिष्ट पंवार द्वारा संपादित पुस्तक “1857 से 1947 तक हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय चेतना” का विमोचन किया गया। प्रो० गुडड़ी बिष्ट पंवार ने राज भाषा हिन्दी की संवैधानिक स्थिति पर विस्तृत चर्चा की एवं राज भाषा हिन्दी, राष्ट्रीयता और राष्ट्र प्रेम के महत्व को बताया ।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डॉ अनूप सेमवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विभाग के शोधार्थी आकाश दीप, नवीन, रेशमा, कोमल, मधु, शुभम, मनोज, प्रियंका, आदि का योगदान रहा।
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