उत्तराखंड में अल्मोड़ा का नंदा देवी मेला आज से शुरू हो गया है। नंदा देवी का मेला एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ा हुआ है। इसका इतिहास 16वीं शताब्दी से संबंधित है, जब कुमाऊँ के चंद वंश के शासकों ने इसे शुरू किया था। वहीं चंद वंश के शासक नंदा देवी को अपने कुलदेवी के रूप में पूजते थे। उन्होंने नंदा देवी के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा को व्यक्त करने के लिए इस मेले की परंपरा शुरू की थी।
जानकारी के अनुसार चंद शासक विशेष रूप से राजा बाज बहादुर चंद (1638-78), ने इस मेले को राजसी धूमधाम के साथ मनाना शुरू किया था। इसका आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों से किया गया था। जिसमें देवी नंदा और सुनींदा की पूजा की जाती है, जो कि हिमालय की प्रमुख देवियों में से एक मानी जाती हैं। नंदा देवी को शक्ति, प्रकृति और संरक्षण की देवी के रूप में पूजने की परंपरा रही है। वहीं इस मेले का मुख्य उद्देश्य देवी के प्रति आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करना था।
बता दें कि आज यानी 6 सितंबर से शुरू होने वाला ये ऐतिहासिक मेले का आगाज विधिवत पूजन के साथ किया गया। इसमें केले की खांम को लेकर देवी नंदा-सुनंदा की मूर्ति स्वरूप देकर चंद राजवंशों के विधि विधान व अनुष्ठान से पूजा अर्चना की जाएगी।