Top Banner
हर्षिल में वाइब्रेंट विलेज सम्मेलन, सीमांत क्षेत्रों के विकास की नई दिशा

हर्षिल में वाइब्रेंट विलेज सम्मेलन, सीमांत क्षेत्रों के विकास की नई दिशा

उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र हर्षिल में ‘वाइब्रेंट विलेज परिचर्चा सम्मेलन’ का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों, स्वयं सहायता समूहों और किसानों द्वारा खेती-बागवानी, पर्यटन और स्वरोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस सम्मेलन का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में हो रहे बदलावों और विकास की संभावनाओं पर चर्चा करना था।

सम्मेलन में उपस्थित लोगों ने खेती-किसानी में हो रहे नवाचारों, विशेष रूप से सेब की विभिन्न किस्मों के उत्पादन के तरीकों की गहन जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा, बगोरी गांव के जनजातीय समुदाय से मिलकर उनके ऊन व्यवसाय और स्थानीय महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को भी देखा गया।

यह आयोजन न केवल इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का मंच बना, बल्कि इस इलाके की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता की भी झलक प्रस्तुत की। सीमांत क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय बदलावों ने ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की नई राहें खोली हैं।

मुख्य आकर्षण:

खेती-बागवानी और सेब की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी

जनजातीय गांव बगोरी के ग्रामीणों से संवाद

ऊन व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं के उत्पादों की प्रदर्शनी

इस सम्मेलन ने स्थानीय कृषि, पर्यटन और हस्तशिल्प के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं को उजागर किया है, जो क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

Please share the Post to: