उत्तराखंड सरकार एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जल्द ही मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना को पहले एक वर्ष के लिए “पहले आओ, पहले पाओ“ के आधार पर शुरु किया जायेगा। देहरादून स्थित विधानभवन में वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना की उप समिति की बैठक हुई।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत पात्र महिलाओं को स्वरोजगार या व्यवसाय स्थापित करने के लिए योजना से लाभान्वित किया जायेगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के लिए प्रदेश भर में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जायेगी, जो मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्राप्त आवेदनों की स्क्रीनिंग करेगी। योजना के तहत एक वर्ष में प्रदेश की 2 हजार पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र महिला को प्रदेश की मूल या स्थायी निवासी होना जरूरी है।
एकल निराश्रित महिला की आयु 21 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। साथ ही विधवा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध व एसिड हमले से पीड़ित एकल निराश्रित महिला या जिन एकल महिलाओं के बच्चे अविवाहित या अव्यस्क हों, इस योजना का लाभ ले सकती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत पात्र महिलाएं कृषि, बागवानी, कुक्कुट पालन, पशुपालन, प्लम्बर कार्य, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एन्ट्री, ब्यूटी पार्लर आदि व्यवसायों को शुरु कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि योजना 2 लाख रुपए की है, जिसमें 75 प्रतिशत अनुदान देय होगा और 2 लाख रुपए से अधिक की मांग पर अधिकतम डेढ़ लाख रुपए तक अनुदान देय होगा।