उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 20 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांगी थी। पंचायत निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसमें हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन पूरा हो चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, ग्राम पंचायतों की संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई है, और ग्राम पंचायत वार्डों की संख्या 59,219 से बढ़कर 59,357 हो गई है। जिला पंचायत की सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है, जो अब 389 हो गई हैं।
हालांकि, क्षेत्र पंचायतों की संख्या 3,162 से घटकर 3,157 रह गई है, इसके पीछे शहरी विकास विभाग द्वारा कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पालिका क्षेत्रों से बाहर किए जाने का कारण बताया गया है।
पंचायतों का कार्यकाल 27 नवंबर को समाप्त हो रहा है, लेकिन इस वर्ष चुनाव नहीं होंगे और कार्यकाल भी नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके लिए चुनावी प्रक्रिया जनवरी 2024 में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद ही संभव हो सकेगी, और चुनाव फरवरी-मार्च 2024 के बाद होंगे।
पंचायत प्रतिनिधियों ने मांग की है कि पंचायतों का कार्यकाल दो साल बढ़ाया जाए और 2027 में हरिद्वार जिले के साथ पूरे राज्य में एक साथ पंचायत चुनाव कराए जाएं। इसके साथ ही, “एक राज्य, एक पंचायत चुनाव” का सिद्धांत लागू करने की भी मांग की गई है।