सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जनपद के संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ सामूहिक बैठक की।
सामूहिक बैठक में सहायक निदेशक ने कहा कि संस्कृत शिक्षा में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक एक ही प्रशासकीय संवर्ग होने से शिक्षा के संपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति की जा सकती है ,और इस अवसर का लाभ सभी को उठाना चाहिए, उन्होंने कहा कि यद्यपि विद्यालय एवं महाविद्यालय वर्गीकरण के फल स्वरुप अलग-अलग संचालित हो रहे हैं परंतु सबका उद्देश्य द्वितीय राजभाषा को जन-जन तक पहुंचाने का है।
पूर्व में जारी बैठक एजेंडा के अनुसार सात बिंदुओं पर प्रधानाचार्यों से विचार विमर्श के उपरांत कढ़े निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि छात्र हित सर्वोपरि है, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में जो भवन जर्जर अवस्था में है, उनका वित्तीय आगणन करके तत्काल उपलब्ध कराया जाए उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के लिए जो सहायता शासन से दी जा रही है उसको सीधे बच्चों के खातों में पहुंचाया जाएगा।
सहायक निदेशक ने देहरादून जनपद के संस्कृत विद्यालयो एवं महाविद्यालयों में जिला स्तर पर पहली बार खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए श्री भरत मंदिर ऋषिकेश के प्रधानाचार्य एस के भट्ट को समन्वयक नियुक्त करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए, उन्होंने नकल विहीन परीक्षा, छात्रों एवं शिक्षकों की समय पर उपस्थिति, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार सहित तमाम बिंदुओं पर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए।
बैठक में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रामभूषण, प्रोफेसर दीपशिखा, डॉ विद्या नेगी, प्रोफेसर गिरीश पांडे, डॉ राम प्रसाद थपलियाल,डॉ संजीव भट्ट, एवं विद्यालयों के प्रधानाचार्यों में डॉक्टर जनार्दन कैरवान, डॉ ओमप्रकाश , आचार्य कृष्ण कुमार उनियाल, मीनाक्षीचौहान, डॉ विजय जुगलान एवं प्रशासनिक अधिकारी मुकेश कुमार सहित सभी प्रधानाचार्य उपस्थित थे।