बदरीनाथ धाम यात्रा अपने अंतिम चरण में, 17 नवंबर को बंद होंगे कपाट

बदरीनाथ धाम यात्रा अपने अंतिम चरण में, 17 नवंबर को बंद होंगे कपाट

बदरीनाथ धाम की पवित्र यात्रा अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। आगामी 17 नवंबर को रात नौ बजकर 7 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इस वर्ष अब तक 12 लाख 80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीविशाल के दर्शन कर अपनी आस्था व्यक्त की है।

धार्मिक पर्यटन के इस पावन अवसर पर श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के साथ ही भारत के अंतिम गांव माणा का भी भ्रमण कर रहे हैं। माणा गांव, जिसे भारत का प्रथम गांव कहा जाता है, में तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से स्थानीय व्यवसायियों में उत्साह है।

मंदिर समिति के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने जानकारी दी कि तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं। ठंड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए नगर पंचायत द्वारा अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालु ठंड से राहत पा सकें।

व्यवसायियों के चेहरे पर खुशी
बदरीनाथ धाम के साथ माणा गांव और आसपास के तीर्थ स्थलों पर बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या से स्थानीय व्यवसायी भी खुश हैं। श्रद्धालुओं के बढ़ते प्रवाह ने यहां के व्यापार को भी नई ऊंचाइयां दी हैं, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

बदरीनाथ धाम यात्रा का यह पवित्र अवसर श्रद्धा और आस्था के इस पावन अवसर का समापन जल्द ही हो जाएगा। श्रद्धालु अब भी भगवान बदरीविशाल के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। कपाट बंद होने से पहले बदरीनाथ धाम की यात्रा को श्रद्धालुओं द्वारा अंतिम क्षणों तक यादगार बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

Please share the Post to: