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सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के माता-पिता के नाम पर खुलेगा चमोली जनपद में पहला संस्कृत प्राथमिक विद्यालय

सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के माता-पिता के नाम पर खुलेगा चमोली जनपद में पहला संस्कृत प्राथमिक विद्यालय

कर्णप्रयाग सहायक निदेशक शिक्षा एवम् संस्कृत शिक्षा डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल के माता-पिता के नाम पर चमोली जनपद में पहला संस्कृत प्राथमिक विद्यालय नवीन शिक्षा सत्र से प्रारंभ हो जाएगा।

राज्य स्थापना दिवस पर चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ घिल्डियाल के पिता स्वर्गीय शिव प्रसाद घिल्डियाल लगभग 40 वर्षों तक उत्तराखंड के विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक के पद पर कार्य करने के पश्चात वर्ष 1995 में सेवानिवृत्त हुए और 20 फरवरी 2024 को 90 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हुआ। उनकी आठ संतानों के मध्य में पैदा हुए डॉक्टर चंडी प्रसाद बचपन से ही मेधावी छात्र रहे और वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक जैसे उच्च पद पर कार्यरत हैं।

अगस्त में गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने चमोली जनपद में अपने मात पिता के नाम पर संस्कृत प्राथमिक विद्यालय खोलने की कवायद प्रारंभ की और 7 सितंबर 2024 को इसमें सफलता प्राप्त करते हुए चमोली जनपद के ऐतिहासिक धर्मस्थल बैरास कुंड में जहां पर रावण ने अपने दस सिरों को चढ़ाकर भगवान शिव की तपस्या करके उन्हें प्रसन्न किया था, प्राथमिक विद्यालय खोलने के लिए चालान जमा करवा दिया। आज 9 नवंबर राज्य स्थापना दिवस पर ही उनके पिता का जन्म दिवस भी आता है, इसलिए विद्यालय की स्थापना को विधिवत स्वरूप देने के लिए इस दिन को चुना गया, बताया गया है, कि श्री शिव उमा संस्कृत प्राथमिक विद्यालय के नाम से अप्रैल 2025 से यह विद्यालय अस्तित्व में आ जाएगा।

जानकारी के अनुसार लगभग 3 वर्ष जब तक सरकारी अनुदान स्वीकृत होता है, तब तक फिलहाल स्वर्गीय उमा देवी एवं शिव प्रसाद घिल्डियाल के सुपुत्र सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल अपने माता-पिता के नाम पर स्वयं इस विद्यालय का पूरा खर्चा वहन करेंगे। शिक्षा अधिकारी के नई पीढ़ी को महत्वपूर्ण संदेश देने वाले इस कदम की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। संपर्क करने पर सहायक निदेशक डॉक्टर घिल्डियाल ने कहा कि शीघ्र पौड़ी एवं देहरादून जनपद में भी निर्धन छात्रों के लिए अपने स्वर्गीय माता-पिता के नाम पर विद्यालय शुरू करेंगे।

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