उत्तराखंड के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में विशेष अदालत ने तीन साल के कठोर कारावास और ₹25,000 जुर्माने की सजा सुनाई है। अशोक कुमार सिंह को 2017 में रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था।
मामला 2017 का है, जब अल्मोड़ा निवासी शिकायतकर्ता रिजवानुर्रहमान ने सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि अशोक कुमार सिंह ने उनके स्कूल की मान्यता के लिए ₹15,000 रिश्वत की मांग की थी। सतर्कता विभाग ने जांच के बाद निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया और 28 अप्रैल 2017 को अशोक कुमार सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
मौके पर रिश्वत की रकम बरामद कर विभाग ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया और विवेचना निरीक्षक संजय कुमार पांडे द्वारा पूरी की गई। जांच के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन पक्ष ने 13 गवाहों को अदालत में पेश किया।
23 दिसंबर 2024 को विशेष न्यायाधीश नीलम रात्रा की अदालत ने अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और धारा 13(2) के तहत दोषी ठहराते हुए तीन-तीन साल के कठोर कारावास और ₹25,000-₹25,000 जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर छह महीने के अतिरिक्त कारावास का भी आदेश दिया गया। अदालत ने इस फैसले को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश बताया।