नगर निकाय चुनावों में मतदाताओं को शराब, पैसे या किसी भी प्रकार के प्रलोभन से लुभाने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। इस संबंध में सभी जिलों में विशेष निगरानी टीमें बनाई गई हैं, जो ऐसी गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करेंगी।
खर्च पर कड़ी नजर
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर निगरानी के लिए आयोग के प्रेक्षक तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही, हर जिले में जिलाधिकारी के स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो व्यय की निगरानी करेगा। राज्य स्तर पर भी पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों को नोडल अफसर के रूप में तैनात किया गया है।
तीन स्तरों पर निगरानी
जिला स्तर पर व्यय की निगरानी के लिए तीन अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इनमें जिला प्रशासन, आबकारी विभाग और पुलिस के अधिकारी शामिल होंगे। इन अधिकारियों को विशेष रूप से जब्ती और कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।
शिकायत के लिए टोल-फ्री नंबर जारी
मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने की सूचना देने के लिए आयोग ने टोल-फ्री नंबर 18001804280 जारी किया है। इसके अलावा, जिलाधिकारी स्तर पर भी अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे।
सीधे कानूनी कार्रवाई का अधिकार
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि विशेष टीमें आयोग के नियमों के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता (IPC) के तहत भी कार्रवाई करेंगी। ऐसी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर सख्त दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे।
निर्वाचन आयोग के इन प्रयासों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है, ताकि मतदाताओं पर किसी भी तरह का दबाव या प्रलोभन न डाला जा सके।