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उत्तराखंड का पंडाल प्रयागराज महाकुंभ 2025 में बनेगा आकर्षण का केंद्र

उत्तराखंड का पंडाल प्रयागराज महाकुंभ 2025 में बनेगा आकर्षण का केंद्र

प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दौरान उत्तराखंड राज्य का अपना पवेलियन होगा, जो मेलार्थियों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने उत्तराखंड को सेक्टर-7 कैलाशपुरी मार्ग, पूर्वी पटरी पर 100×400 वर्ग फीट भूमि निःशुल्क आवंटित की है। इस भूमि पर उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक महत्व को दर्शाने वाला पंडाल तैयार किया जाएगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस भूमि आवंटन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड इस आयोजन में पूरी श्रद्धा और सहयोग के साथ भागीदारी करेगा।

महाकुंभ की तैयारियां

महाकुंभ की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने मेलार्थियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए योजनाएं शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिया है कि प्रयागराज महाकुंभ में उत्तराखंड से आने वाले साधु-संतों और आम लोगों की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए। इसके लिए परिवहन और अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

गंगा-यमुना के उद्गम से संगम तक जुड़ाव

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा और यमुना नदियों का उद्गम क्षेत्र उत्तराखंड है, और प्रयागराज इन दोनों नदियों का संगम स्थल है। यह दोनों राज्यों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ को सफल बनाने में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सरकार का हर प्रकार से सहयोग करेगा। जरूरत पड़ने पर उत्तराखंड से अतिरिक्त जल छोड़ा जाएगा और अन्य व्यवस्थाओं में भी योगदान दिया जाएगा।

इस पंडाल के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति, लोककला, व्यंजन और धार्मिक महत्व का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। महाकुंभ में यह पंडाल उत्तराखंड की पहचान को और सशक्त करेगा।

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