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HMPV को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, यह भारत में लंबे समय से प्रचलन में: एम्स ऋषिकेश निदेशक

HMPV को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, यह भारत में लंबे समय से प्रचलन में: एम्स ऋषिकेश निदेशक

हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे लेकर किसी नई चिंता से इनकार किया है। एम्स ऋषिकेश की निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने कहा है कि यह वायरस नया नहीं है और मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में सक्रिय होता है। यह पांच साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है।

डॉ. सिंह ने एएनआई से बातचीत में कहा, “एचएमपीवी कोई नया खतरा नहीं है। यह भारत में लंबे समय से मौजूद है। हालांकि, कमजोर और समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए यह गंभीर हो सकता है।” उन्होंने जोर दिया कि वायरस से बचाव के लिए सामाजिक दूरी, हाथों की सफाई और ठंड से बचाव जैसे निवारक उपाय महत्वपूर्ण हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस का इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी सलाह दी कि एचएमपीवी से प्रभावित मरीजों को हाइड्रेटेड रखना, विटामिन डी की कमी को दूर करना और कमजोर समूहों के लिए विशेष देखभाल करना जरूरी है।

देश में अब तक बेंगलुरु, अहमदाबाद और नागपुर से कुल पांच मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार को लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “यह वायरस 2001 में खोजा गया था और इससे कोई नया खतरा नहीं है। हमारी स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से सतर्क और तैयार है।”

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि यह वायरस आम आबादी के लिए न्यूनतम जोखिम पैदा करता है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

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