उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के बीच 19 फरवरी को मंत्रिमंडल की बैठक में सख्त भू-कानून के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इस संशोधित कानून के तहत बाहरी राज्यों के लोगों के लिए उत्तराखंड में जमीन खरीदना अब आसान नहीं होगा। 2018 के पूर्ववर्ती सभी प्रावधान निरस्त कर दिए गए हैं, और इस विधेयक को मौजूदा सत्र में सदन में पेश किया जा सकता है।
नए प्रावधानों के अनुसार, हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर अन्य 11 जिलों में बाहरी राज्यों के लोग कृषि और बागवानी के लिए जमीन नहीं खरीद सकेंगे। अन्य प्रयोजनों के लिए सरकार से अनुमति लेनी होगी। बाहरी व्यक्ति केवल 250 वर्ग मीटर तक की भूमि खरीद सकते हैं, लेकिन इसके लिए सब-रजिस्ट्रार के समक्ष शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, जमीन को आधार से लिंक किया जाएगा, और नगर निकाय सीमा में तय भू-उपयोग के तहत ही उसका इस्तेमाल संभव होगा। यदि एक परिवार के दो सदस्य तथ्य छुपाकर जमीन खरीदते हैं, तो वह जमीन सरकार में निहित कर दी जाएगी।