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हाईकोर्ट के आदेश पर सहकारी समितियों के चुनाव स्थगित, सरकार को पुरानी नियमावली से चुनाव कराने के निर्देश

हाईकोर्ट के आदेश पर सहकारी समितियों के चुनाव स्थगित, सरकार को पुरानी नियमावली से चुनाव कराने के निर्देश

नैनीताल। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने सहकारी समितियों की चुनाव प्रक्रिया को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। इस संबंध में प्राधिकरण की सदस्य सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल ने आदेश जारी किया।

हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को रखा बरकरार

सोमवार को राज्य के कई जिलों में सहकारी समितियों के चुनाव कराए गए थे, लेकिन चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इस पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने सुनवाई की और एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए सरकार को चुनाव पुरानी नियमावली के अनुसार कराने के निर्देश दिए।

संशोधित नियमों पर आपत्ति

मामले में सहकारी समिति ने विशेष अपील दायर कर राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू करने और उसी के आधार पर चुनाव कराने की मांग की थी। वहीं, याचिकाकर्ताओं भुवन पोखरिया व अन्य ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमावली में बदलाव करना नियम विरुद्ध है।

नए संशोधन पर विवाद

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली में संशोधन कर सेवानिवृत्त व गैर-सदस्य लोगों को भी वोटिंग का अधिकार दे दिया, जबकि नियमों के अनुसार केवल वे ही सदस्य मतदान कर सकते हैं, जो तीन साल से सहकारी समिति के सदस्य रहे हों।

अगली सुनवाई तक चुनाव प्रक्रिया स्थगित

कोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने अगले आदेश तक चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी है। अब राज्य सरकार को तय करना होगा कि वह चुनाव पुरानी नियमावली के तहत कराएगी या इस मामले में आगे अपील दायर करेगी।

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