नैनीताल। फायर सीजन में जंगलों को वनाग्नि से बचाने के लिए इस बार वन विभाग ने विशेष तैयारियां की हैं। सेटेलाइट निगरानी प्रणाली और 70 क्रू स्टेशनों की मदद से जंगलों पर लगातार नजर रखी जाएगी। इसके अलावा, लोग फायर एप के जरिए भी आग की घटनाओं की सूचना सीधे विभाग को दे सकेंगे। इस साल आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और सूचना देने वालों को 20 हजार रुपये का नगद इनाम दिया जाएगा।
आग रोकने के लिए नई रणनीति
पिछले साल नैनीताल डिविजन के जंगलों में भीषण आग लगी थी, जिससे काफी नुकसान हुआ था। इस बार वन विभाग ने वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए कई नई रणनीतियां अपनाई हैं—
- कंट्रोल बर्निंग प्रक्रिया: फरवरी से शुरू हुई यह प्रक्रिया 15 जून तक जारी रहेगी, जिससे जंगलों में आग फैलने की संभावना कम होगी।
- फायर वॉचर्स की तैनाती: 70 क्रू स्टेशनों में 300 फायर वॉचर और विभागीय कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, ताकि आग लगने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके।
- संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी: विभाग ने पांच संवेदनशील क्षेत्रों—कैंचीधाम, भीमताल रोड, नैनीताल-काठगोदाम रोड, कालाढूंगी रोड और रामगढ़ रोड को चिह्नित किया है। इन इलाकों में विशेष टीमें तैनात रहेंगी।
आग लगाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अधिकतर जंगलों की आग मानवीय लापरवाही से लगती है। इस वर्ष वन विभाग न केवल आग बुझाने का काम करेगा, बल्कि आग लगाने वालों को पकड़कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को जंगल में आग लगाते हुए देखें, तो तुरंत विभाग को सूचना दें। सूचना देने वालों को 20 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।
ग्राम समितियां करेंगी सहयोग
वन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया है, जिनमें ग्राम प्रधान, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी और स्थानीय लोग शामिल होंगे। ये समितियां वनाग्नि रोकने में अहम भूमिका निभाएंगी और आग की घटनाओं की सूचना तुरंत वन विभाग को देंगी।
वन पंचायतों और ग्राम पंचायतों को मिलेगा पुरस्कार
डीएफओ जोशी ने बताया कि वन विभाग ने वन पंचायतों और ग्राम पंचायतों के साथ बैठकें कर शीतलाखेत मॉडल पर ग्रामीणों और महिला समूहों को ट्रेनिंग दी है। इससे ग्रामीण अपने क्षेत्र के जंगलों में लगी आग को सावधानी से बुझा सकेंगे। जो पंचायतें जंगलों को आग से बचाने में सफल रहेंगी, उन्हें विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
वन विभाग की इन नई रणनीतियों से उम्मीद है कि इस बार नैनीताल डिविजन के जंगल वनाग्नि से सुरक्षित रहेंगे।