प्रधानों ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर देवप्रयाग व जाखणीधार ब्लॉक कार्यालयों पर लगाए ताले

प्रधानों ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर देवप्रयाग व जाखणीधार ब्लॉक कार्यालयों पर लगाए ताले

नई टिहरी/देवप्रयाग। प्रदेश प्रधान संगठन के आह्वान पर सरकार से अपनी 12 सूत्रीय मांगे मनवाने को लेकर मंगलवार को देवप्रयाग एवं जाखणीधार के ग्राम प्रधानों ने ब्लॉक कार्यालय पर ताले जड़ दिए। साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रधानों ने चेतावनी दी यदि उनकी मांगों का आज जल्दी समाधान नहीं होता है तो वह आर पार की लड़ाई को तैयार है। जाखणी धार में ग्राम प्रधान शोभा बड़ोनी के नेतृत्व में प्रधान मंगलवार को ब्लॉक मुख्यालय टिपरी पहुंचे। वहां ब्लॉक कार्यालय पर तालाबंदी की और सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की।

तालाबंदी करने वालों में दौलत लसियाल, राकेश खरोला, राकेश बगियाल, राजेश्वरी देवी, स्वाति, पुष्पा, भागवत भट्ट, जमुना प्रसाद, हर्षमणि, विनोद, अरविंद, राकेश, केशव आदि शामिल रहे।

हिंडोलाखाल ब्लॉक कार्यालय पर लगाए ताले

उधर देवप्रयाग ब्लाक मुख्यालय हिंडोलाखाल में संगठन अध्यक्ष सोबन सिंह चौहान के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने ब्लाक कार्यालय पर ताले जड़े। श्री चौहान ने बताया कि अगर सरकार हमारी 12 सूत्रीय मांगों को जल्द पूरा नहीं करती तो 9 जुलाई को भी ब्लाक मुख्यालय पर तालाबंदी, धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रधान संगठन की 12 सूत्रीय मांगे:

  1. कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को 2500 प्रतिमाह प्रत्येक ग्राम पंचायत से दिए जाने का आदेश शीघ्र वापस लिया जाए।
  2. 15वें वित्त में हो रही भारी कटौती पर शीघ्र रोक लगाई जाए, तथा पूर्व की भांति 15वें वित्त में कंटीन्जेसी की राशि 10% रखी जाए।
  3. 73वें संविधान संशोधन के प्रावधानों को लागू करते हुए 29 विषयों को शीघ्र ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया जाए।
  4. ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 10000 किया जाए तथा ₹ 5000 मासिक पेंशन के रूप में दिया जाय।
  5. मनरेगा के कार्य दिवस प्रति परिवार 100 दिन से बढ़ाकर 200 दिन प्रतिवर्ष किया जाय।
  6. ग्राम पंचायतों में जेई एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति शीघ्र की जाय। जिससे ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों में गति प्राप्त हो।
  7. ग्राम विकास विभाग एवं ग्राम पंचायत विभाग का पूर्व की भांति एकीकरण किया जाय। जिससे कम से कम ग्राम पंचायतें एक ग्राम विकास अधिकारी/ ग्राम पंचायत अधिकारी को मिल सके।
  8. विधायक निधि/सांसद निधि को आधार मानते हुए, ग्राम पंचायतों को भी 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष ग्राम पंचायत निधि की व्यवस्था की जाय। जिसे ग्राम पंचायत अपने स्तर से विकास कार्यों में खर्च कर सके।
  9. ग्राम पंचायत को आपदा मद से प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की धनराशि दी जाय। जिससे कि ग्राम पंचायतों में दैवीय आपदा से हुए सरकारी संपत्ति, व ग्रामीणों को व्यक्तिगत हुए नुकसान के लिए आर्थिक सहायता व निर्माण कार्य हो सके।
  10. ग्राम पंचायत में किसी भी विभाग द्वारा किए जाने वाले विकास कार्य एवम अन्य कार्य में ग्राम पंचायत की खुली बैठक का प्रस्ताव एवं अनुमति क़ो अनिवार्य किया जाये। जिससे कि विवाद उतपन्न ना हो।
  11. प्रधानमंत्री आवास योजना में तहत चयनित ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों को अतिशीघ्र धनराशि दी जाय। फरवरी 2019 के बाद बंद हुई आवासों की ऑनलाइन प्रक्रिया दुबारा शुरू की जाय। ताकि अन्य पात्र व्यक्तियों को भी इस योजना का लाभ मिल सके।
  12. कोरोना संक्रमण के कारण ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाया जाय। जिस प्रकार 1995 में उत्तराखंड मे भूकंप की आपदा के समय पर ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया गया था उसी तर्ज पर इस बार भी 1 वर्ष का कार्यकाल ग्राम पंचायतों का बढ़ाया जाय।
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