हरिद्वार। शांतिकुंज, हरिद्वार के रोहित यादव ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में योगासना टीम इवेंट (दशावतार थीम) में स्वर्ण पदक जीतकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया। उनकी इस उपलब्धि के साथ ही राज्य को अब तक नेशनल गेम्स 2025 में कुल 9 स्वर्ण पदक मिल चुके हैं। अपनी लचीली काया और उत्कृष्ट योगाभ्यास के कारण रोहित को “रबर बॉय” के नाम से भी जाना जाता है।
संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने दी शुभकामनाएं
स्वर्ण पदक जीतने के बाद रोहित यादव ने शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया। शैलदीदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि रोहित की यह सफलता उसकी मेहनत और शांतिकुंज की प्रेरणा का परिणाम है। उन्होंने रोहित को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने और आगामी खेलों में भी प्रदेश और संस्था का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर शांतिकुंज के व्यवस्थापक योगेंद्र गिरी, गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मंडल की प्रमुख शेफाली पंड्या सहित कई कार्यकर्ताओं ने भी रोहित को बधाई दी।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक बिखेरने का सपना
रोहित यादव ने बताया कि डॉ. प्रणव पंड्या, शैलदीदी, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या और योग प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन से उन्हें निरंतर सफलता मिल रही है। अब तक वह राष्ट्रीय स्तर पर 4 स्वर्ण, 3 रजत और 2 कांस्य पदक जीत चुके हैं, जबकि जिला और प्रांतीय स्तर पर 62 पदक उनके नाम दर्ज हैं। उनका अगला लक्ष्य एशियन गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतना है।
योग परिवार से है गहरा नाता
रोहित की बहन शांभवी यादव भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकी हैं। वर्तमान में वे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। रोहित के पिता रविंद्र यादव शांतिकुंज के कार्यकर्ता और योग प्रशिक्षक हैं, जो शांतिकुंज में साधकों को योग का प्रशिक्षण देते हैं। रोहित ने महज दो साल की उम्र से योगाभ्यास शुरू किया था और वर्तमान में 150 से अधिक योगासन करने में सक्षम हैं, जिससे उन्हें “रबर बॉय” की उपाधि मिली है।
रोहित की सफलता यह दर्शाती है कि निरंतर अभ्यास, समर्पण और सही मार्गदर्शन से कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और शांतिकुंज बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है।