कन्याकुमारी: तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के नागरकोइल में प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. जयशेखर की जन्म शताब्दी के अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन भी शामिल हुए।
भारत बना डॉकिंग तकनीक में चौथा देश
इसरो प्रमुख ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस साल 16 जनवरी को दो उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में भेजकर सफलतापूर्वक डॉक और अनडॉक किया गया। इस तरह भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
चंद्रयान-4 मिशन की तैयारी पूरी
उन्होंने बताया कि इसरो जल्द ही 9,800 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-4 लॉन्च करने जा रहा है। यह मिशन दो रॉकेट्स के जरिए चांद पर भेजा जाएगा, जहां यह खनिज इकट्ठा कर धरती पर वापस लाने का काम करेगा।
रोबोटिक परीक्षण और मानव मिशन की तैयारी
इसरो प्रमुख ने बताया कि भविष्य में चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की योजना है। इसके लिए पहले मानवरहित रोबोटिक मिशन भेजा जाएगा। भारत और जापान संयुक्त रूप से चंद्रयान-5 मिशन पर काम करेंगे, जिसकी अनुमति मिल चुकी है।
मंगल मिशन में भारत बना सबसे सफल देश
उन्होंने कहा कि मार्स ऑर्बिट मिशन (MOM) के तहत भारत ने 680 मिलियन किलोमीटर की यात्रा पूरी कर 294 दिनों बाद उपकरण सक्रिय किए। इस उपलब्धि के साथ भारत मंगल ग्रह पर सफल मिशन भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी का भरोसा
अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लेकर इसरो प्रमुख ने कहा कि उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा रही है और उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में बड़ी प्रगति
इसरो प्रमुख ने बताया कि भारत का पहला अंतरिक्ष यान 1979 में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नेतृत्व में लॉन्च किया गया था और इस साल जनवरी में भारत ने 100वां सफल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया। उन्होंने यह भी बताया कि महेंद्रगिरि में आधुनिक रॉकेट उत्पादन पर शोध चल रहा है, जिससे भारत की अंतरिक्ष क्षमता और मजबूत होगी।