देहरादून, 25 मार्च 2025 – इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ हो रहे हैं। नवरात्रि के साथ ही हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा स्वर्ग लोक से धरती पर अपने भक्तों का कल्याण करने के लिए आती हैं। इस दौरान नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
विशेष रूप से, नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का अत्यधिक महत्व होता है। देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलक स्तोत्र के पाठ से भक्तों को चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं। यह पाठ सभी मनोकामनाओं की पूर्ति, धन-संपत्ति की प्राप्ति और कार्यों में सफलता दिलाने में सहायक माना जाता है।
तंत्र-मंत्र से भी है विशेष संबंध
तंत्र-मंत्र से प्रभावित व्यक्ति यदि नवरात्रि में इस शक्तिशाली स्तोत्र का पाठ विधि-विधान से करें, तो सभी नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। नवरात्रि के अलावा, इस पाठ को नियमित रूप से करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और देवी मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी दुर्गा की कृपा पाने के लिए नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष महत्व है। यह पाठ भय से मुक्ति, आरोग्यता, शत्रुओं पर विजय और अपार शक्ति प्रदान करता है।