राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विश्व श्रवण दिवस के उपलक्ष्य पर हल्द्वानी के एक होटल में कार्यशाला हुई। इस बार की थीम मानसिकता बदलना, सुनने की शक्ति का देखभाल करना शामिल रहा। थीम का मकसद कानों की दिक्कतों को लेकर आम लोगों में व्याप्त गलत धारणाओं और मानसिकता को खत्म करना है।
नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रा पंत ने कहा कि दुनियाभर में लाखों लोग न सुन पाने की समस्या से परेशान हैं। कहा कि तेज आवाज से कानों को बचाएं। तेज आवाज़ों के संपर्क में आना सुनने की क्षमता कम करता है। खासतौर से हेडफोन का अधिक समय तक इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। साथ ही ऐसी मनोरंजक गतिविधियों से दूर रहना चाहिए जिसमें बहुत ज्यादा ध्वनि में शोर होता है।
कान की संरचना नाजुक होती है। ज्यादा ध्वनि से उस पर गलत असर पड़ता है। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर ईएनटी सर्जन डॉ. कविता लोहानी ने सभी चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग ऑफिसर, एइनएम को कान से सम्बंधित स्वास्थ्य की जानकारी दी। इस दौरान डॉ. संजीव खर्कवाल, डॉ. रजत भट्ट, मनोज बाबू, हरेंद्र कठायत, सपना जोशी, मनोज मर्तोलिया, देवेंद्र बिष्ट, सतीश सती, दीवन बिष्ट, कविता जोशी रहे।