हल्द्वानी: उत्तराखंड के युवा अब स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ा रहे हैं और अपनी संस्कृति को भी प्रमोट कर रहे हैं। इसी कड़ी में हल्द्वानी की चित्रा बिष्ट ने एक अनोखा हर्बल स्टार्टअप शुरू किया है, जिसका नाम ‘पिछौड़ा’ है।चित्रा बिष्ट लामचौड़ की रहने वाली हैं, जो शहर में रहकर ही स्वरोजगार कर रही हैं। चित्रा का कहना है कि हम सारे हर्बल प्रोडक्ट बनाते हैं और पहाड़ में होने वाली बिच्छू घास, खुमानी, हल्दी आदि का हर्बल प्रोडक्ट बनाने में उपयोग करते हैं।
चित्रा ने 2021 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की, जिसमें पहाड़ों में मिलने वाली प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों से पर्सनल केयर हर्बल प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं।
किसानों से मिल रहा सहयोग
चित्रा अपने प्रोडक्ट्स के लिए कच्चा माल मुक्तेश्वर, नैनीताल और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों से लेती हैं। उनके स्टार्टअप के तहत हेयर ऑयल, बॉडी स्क्रब, लिप बाम, फेस वॉश और बॉडी ऑयल समेत 20 से ज्यादा उत्पाद बनाए जाते हैं। इन उत्पादों को हल्द्वानी में स्थापित यूनिट में तैयार किया जाता है।
ऑनलाइन उपलब्ध हैं उत्पाद
‘पिछौड़ा’ के उत्पाद अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म www.pichora.in के माध्यम से देशभर में बेचे जा रहे हैं। इनकी कीमत 159 रुपये से 699 रुपये तक रखी गई है, जिससे हर वर्ग के लोग इन्हें आसानी से खरीद सकें।
केमिकल प्रोडक्ट्स से बेहतर हैं हर्बल उत्पाद
चित्रा बताती हैं कि बाजार में कई ऐसे पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जिनमें केमिकल होते हैं और वे त्वचा और बालों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पादों को बढ़ावा देने का फैसला किया।
उत्तराखंड की पहचान से जुड़ा है नाम
स्टार्टअप का नाम ‘पिछौड़ा’ रखने के पीछे एक खास वजह है। ‘पिछौड़ा’ उत्तराखंड का पारंपरिक परिधान है, जिसे शुभ अवसरों पर विवाहित महिलाएं धारण करती हैं। इस नाम के जरिए चित्रा अपनी संस्कृति को भी बढ़ावा देना चाहती हैं।
चित्रा के इस प्रयास से न सिर्फ लोगों को सुरक्षित हर्बल उत्पाद मिल रहे हैं, बल्कि यह पहाड़ के किसानों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद कर रहा है।