नरेंद्रनगर, टिहरी — धरती के बैकुंठ कहे जाने वाले भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने की तैयारियां आरंभ हो चुकी हैं। इसी क्रम में सोमवार को नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में गाडू घड़ा (तेल कलश) परंपरा का भव्य आयोजन हुआ। इस पावन अनुष्ठान की अगुवाई टिहरी की सांसद एवं महारानी राज्य लक्ष्मी शाह ने की।
नगर की 70 से अधिक सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखते हुए, पीले वस्त्र धारण कर मूसल, ओखली और सिलबट्टे से तिलों का शुद्ध तेल पिरोया। इस तेल में विशेष जड़ी-बूटियों को मिलाकर विशेष बर्तनों में तेज आंच पर पकाया गया और फिर चांदी के बने तेल कलश में परिपूरित किया गया।
राजमहल में डिमरी केंद्रीय धार्मिक पंचायत बद्रीनाथ धाम के पुजारियों ने तेल कलश की विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद राज परिवार और उपस्थित महिलाओं द्वारा भोग अर्पण कर पूजा संपन्न की गई। पूजा उपरांत तेल कलश को राज परिवार द्वारा विधिवत रूप से डिमरी धार्मिक पंचायत को सौंपा गया।
महारानी राज्य लक्ष्मी शाह ने इस अवसर पर कहा कि भगवान बद्रीनाथ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं और देश के कोने-कोने से श्रद्धालु उनके दर्शन को आते हैं। उन्होंने देश और प्रदेश की सुख, शांति व समृद्धि की कामना की।
आज शाम को ही यह गाडू घड़ा शोभायात्रा सुसज्जित रथ के माध्यम से राजमहल से बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हो गई। यह यात्रा 3 मई को बद्रीनाथ पहुंचेगी और 4 मई की प्रातः 6:00 बजे भगवान बद्रीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। गाडू घड़ा यात्रा के साथ ही चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत मानी जाती है।
इस पावन अवसर पर महारानी की पुत्री क्षीरजा अरोड़ा, नातिन अहाना, तथा डिमरी धार्मिक पंचायत के शैलेंद्र डिमरी, संजय डिमरी, अरविंद डिमरी, हरीश डिमरी, दिवाकर डिमरी सहित अनेक संबंधी व स्थानीय श्रद्धालु उपस्थित रहे।