तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो फिर बनीं महिला आयोग की उपाध्यक्ष

तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो फिर बनीं महिला आयोग की उपाध्यक्ष

रुद्रपुर: तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाकर सुर्खियों में आईं काशीपुर निवासी सायरा बानो को उत्तराखंड सरकार ने एक बार फिर महिला आयोग की उपाध्यक्ष बनाया है। इससे पहले उन्हें त्रिवेंद्र सरकार में भी यह पद सौंपा गया था, और अब धामी सरकार ने भी उनके योगदान को सराहते हुए उन्हें दोबारा यह जिम्मेदारी दी है।

सायरा बानो पहली बार 2016 में चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया। इसके बाद 2018 में केंद्र सरकार ने तीन तलाक को अपराध घोषित करते हुए कानून बनाया

सायरा बानो का विवाह 2002 में प्रयागराज निवासी प्रॉपर्टी डीलर रिजवान अहमद से हुआ था, लेकिन 2015 में उन्हें तीन तलाक दे दिया गया। इसके खिलाफ उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी, जो ऐतिहासिक साबित हुई। 2020 में त्रिवेंद्र सरकार ने उन्हें महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त किया था और अब एक बार फिर धामी सरकार ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया है।

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