नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर रोक लगा दी है। यह रोक आरक्षण नियमावली का नोटिफिकेशन जारी न होने और आरक्षण रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के बाद लगाई गई। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है।
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 21 जून को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की थी और 23 जून को जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनावी सूचना जारी करनी थी। लेकिन इससे पहले हाईकोर्ट ने पूरे चुनावी कार्यक्रम पर रोक लगा दी।
मामला बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें आरोप लगाया गया कि नई आरक्षण प्रक्रिया में अनियमितता है और कुछ सीटें लगातार चार बार आरक्षित कर दी गई हैं, जिससे सामान्य वर्ग के उम्मीदवार चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
राज्य सरकार ने बताया कि आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी और निर्वाचन आयोग को भेज दी गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे नियमों के अनुरूप नहीं पाया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है।
चुनाव आयोग ने पहले 19 जुलाई को दो चरणों में चुनाव कर एक साथ मतगणना कराने का कार्यक्रम तय किया था। कोर्ट के इस फैसले से चुनाव प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है।