गणित विभाग में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन: “कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अराजकता एवं झुंड बुद्धिमत्ता” पर हुआ मंथन

गणित विभाग में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन: “कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अराजकता एवं झुंड बुद्धिमत्ता” पर हुआ मंथन

ऋषिकेश, 12 जून 2025: श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश स्थित गणित विभाग में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अराजकता एवं झुंड बुद्धिमत्ता: अगली पीढ़ी की बुद्धिमान प्रणालियाँ” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन अकादमिक नवाचार और शोध की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

संगोष्ठी की मुख्य अतिथि श्रीमती कृष्णा सिंह रहीं, जो प्रसिद्ध गणितज्ञ स्व. प्रो. एस. एल. सिंह की धर्मपत्नी हैं। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक प्रेरणादायी और भावनात्मक आयाम प्रदान किया। दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जो ज्ञान और शोध की दिशा में प्रकाश की शुरुआत का प्रतीक रहा।

गणित विभागाध्यक्ष प्रो. अनीता तोमर ने संगोष्ठी की संकल्पना प्रस्तुत करते हुए बताया कि कैसे AI, Chaos Theory और Swarm Intelligence जैसे विषय वर्तमान में कंप्यूटर विज्ञान, क्रिप्टोग्राफी, बायोलॉजिकल मॉडलिंग और गणित में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। उन्होंने गणित को केवल सैद्धांतिक न मानते हुए इसे व्यावहारिक और सामाजिक रूप से उपयोगी विज्ञान बताया।

मुख्य वक्ता प्रो. ममता रानी, विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर विज्ञान विभाग, केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान ने अराजक प्रणालियों, स्वार्म इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डेटा एन्क्रिप्शन और विवर्तनिक गणना जैसे विषयों पर गहन प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि कैसे ये उभरते सिद्धांत स्वास्थ्य, रक्षा, नेटवर्क डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों में प्रभावी साबित हो रहे हैं।

प्रो. कंचन लता सिन्हा, अधिष्ठाता, वाणिज्य संकाय ने अपने वक्तव्य में अंतर्विषयक संवाद की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वाणिज्य एवं प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी अब गणितीय मॉडल और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. गौरव वर्श्नेय ने प्रभावशाली शैली में किया और संगोष्ठी के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए इसे छात्रों के लिए नई सोच और दृष्टिकोण से भरपूर बताया।

कुलपति प्रो. एन. के. जोशी ने गणित विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विश्वविद्यालय को नवाचार और बहुविषयक शोध की दिशा में अग्रसर करते हैं। वहीं परिसर निदेशक प्रो. एम. एस. रावत ने तकनीकी और गणितीय सोच

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