श्रीनगर, 4 अगस्त 2025 — वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रविवार से समय से पहले स्थगित कर दिया गया है, जबकि यह यात्रा 9 अगस्त (रक्षाबंधन) तक निर्धारित थी। अधिकारियों ने यात्रा रोकने के पीछे लगातार खराब मौसम और यात्रा मार्गों की बिगड़ती स्थिति को मुख्य कारण बताया है।
पिछले तीन दिनों से भारी बारिश के चलते यात्रा को अस्थायी रूप से पहले ही रोक दिया गया था। शनिवार को कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने यात्रा स्थगन की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि बालटाल और पहलगाम दोनों मार्ग असुरक्षित हो गए हैं, और उनकी तत्काल मरम्मत व मशीनरी की तैनाती के बीच यात्रा जारी रखना संभव नहीं है।
अब तक 4 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अनुसार, यात्रा समय से पहले समाप्त होने के बावजूद लगभग चार लाख श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, अधिकारियों ने माना कि बीते सप्ताह तीर्थयात्रियों की संख्या में तेज़ गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण मौसम संबंधित अवरोध रहा।
इस बार यात्रा पर भारी सुरक्षा व्यवस्था
इस वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। 600 से अधिक अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ अमरनाथ यात्रा देश के सबसे अधिक सुरक्षा वाले तीर्थ स्थलों में शामिल हो गई थी। तीर्थयात्रियों को जम्मू से बालटाल और पहलगाम के आधार शिविरों तक कड़ी निगरानी वाले काफिलों में भेजा गया। इस दौरान श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर आम नागरिकों की आवाजाही भी रोकी गई।
1850 के दशक से जुड़ा है अमरनाथ गुफा का इतिहास
अमरनाथ यात्रा का इतिहास 1850 के दशक में एक मुस्लिम चरवाहे बोटा मलिक द्वारा गुफा की खोज से जुड़ा है। लंबे समय तक मलिक परिवार यात्रा की व्यवस्था देखता रहा, जिसे 2005 में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने संभाला। हालाँकि, हाल के वर्षों में तीर्थयात्रियों और स्थानीय आबादी के बीच संपर्क सीमित हो गया है, और अब केवल टट्टू वाले, पालकीवाले और पोर्टर जैसे सेवाकारों से ही तीर्थयात्रियों का संपर्क बना रहता है।