CM धामी ने स्नेहा राणा को ₹50 लाख दिए, वुमेंस वर्ल्ड कप जीत पर दी बधाई

CM धामी ने स्नेहा राणा को ₹50 लाख दिए, वुमेंस वर्ल्ड कप जीत पर दी बधाई

देहरादून : उत्तराखंड की बेटी और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर स्नेहा राणा के शानदार प्रदर्शन और वुमेंस वर्ल्ड कप जीत में अहम योगदान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है।
मुख्यमंत्री ने स्नेहा राणा से फोन पर बात कर उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और देश-प्रदेश का नाम रोशन करने पर गर्व व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि राज्य सरकार स्नेहा राणा को ₹50 लाख की प्रोत्साहन राशि देगी। उन्होंने कहा कि स्नेहा राणा ने मेहनत, संकल्प और प्रतिभा के बल पर उत्तराखंड का नाम विश्व पटल पर चमकाया है। उनका प्रदर्शन प्रदेश की युवा पीढ़ी, खासकर बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

सीएम धामी ने कहा, “स्नेहा राणा ने यह सिद्ध किया है कि कठिन परिस्थितियों में भी यदि लगन और आत्मविश्वास हो, तो सफलता निश्चित है। राज्य सरकार खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं और प्रोत्साहन देने के लिए लगातार काम कर रही है।”

स्नेहा राणा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह देश और उत्तराखंड का नाम ऊंचा करने के लिए निरंतर प्रयास करती रहेंगी।

स्नेहा राणा: कमबैक क्वीन की प्रेरणादायक कहानी

देहरादून में जन्मीं स्नेहा राणा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की प्रमुख ऑलराउंडर हैं। वह दाएं हाथ की बल्लेबाज और ऑफ-ब्रेक गेंदबाज हैं।
साल 2014 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाली स्नेहा ने 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में 4 विकेट लेकर और नाबाद 80 रन बनाकर भारत को मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई थी।

स्नेहा राणा ने 2022 महिला एशिया कप और 2025 वुमेंस वर्ल्ड कप जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
वह WPL में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से खेलती हैं।

पिता के निधन के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और मैदान पर वापसी करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसी कारण उन्हें फैंस “कमबैक क्वीन” के नाम से जानते हैं।

भारत की ऐतिहासिक जीत में स्नेहा का योगदान

महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
इस जीत के बाद स्नेहा राणा ने कहा,

“ये सिर्फ हमारी जीत नहीं, बल्कि उन सभी खिलाड़ियों का सपना है जिन्होंने कभी इस ट्रॉफी को उठाने का सपना देखा था।”

उन्होंने आगे कहा कि यह जीत उनके पिता को समर्पित है, जिनका सपना था कि वह भारत के लिए खेलें।