ग्राफिक एरा में मंचित हुआ नाटक ‘16 जनवरी की रात’ — रहस्य और रोमांच से भरी यादगार प्रस्तुति

ग्राफिक एरा में मंचित हुआ नाटक ‘16 जनवरी की रात’ — रहस्य और रोमांच से भरी यादगार प्रस्तुति

 देहरादून, 1 नवंबर। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के के. पी. नौटियाल ऑडिटोरियम में रोमांच और रहस्य से भरपूर नाटक ‘16 जनवरी की रात’ का मंचन किया गया। यह नाटक एक रोचक मर्डर मिस्ट्री है, जो शुरू से अंत तक दर्शकों को बांधे रखता है।

कहानी आगे बढ़ती है तो मर्डर का रहस्य और गहराता जाता है। जब पर्दा उठता है, तो दर्शक यह जानकर हैरान रह जाते हैं कि वास्तव में मर्डर हुआ ही नहीं था — लेकिन फिर भी मकतूल (मृतक) अगले दिन कहीं और मारा जाता है। अंत में जूरी अभ्युक्त प्राची को निर्दोष घोषित कर देती है।

यह नाटक प्रसिद्ध लेखिका एनी रेंड की अंग्रेजी रचना ‘द नाइट ऑफ 16 जनवरी’ का हिंदी रूपांतरण है, जिसका अनुवाद लखनऊ के प्रसिद्ध रंगकर्मी गौतम राय ने किया है। नाटक का निर्देशन मंजुल मयंक मिश्र ने किया, जिन्होंने सरकारी वकील की भूमिका भी प्रभावशाली ढंग से निभाई।

सिने कलाकार नवनीत गैरोला ने बचाव पक्ष के वकील का किरदार शानदार अंदाज़ में निभाया। अन्य कलाकारों में सोनिया वालिया (प्राची मेहता), प्रताप नंदनी (ताहिर अब्बास), सलमान जैदी (सेठ गोकुलदास जलान), प्रियंका सम्मल (निकिता बजाज) और सोनिया गैरोला (जज) ने अपने किरदारों को जीवंत बना दिया। वहीं धीरज रावत, रजनी शर्मा, केतन प्रकाश और अमित सेमवाल ने चश्मदीद गवाहों की भूमिका को बेहतरीन तरीके से निभाया।

मंजुल मयंक मिश्र के उत्कृष्ट निर्देशन, प्रभावशाली अभिनय और सटीक प्रकाश व्यवस्था ने ‘16 जनवरी की रात’ को एक यादगार अनुभव बना दिया।

इस नाट्य प्रस्तुति का आयोजन वातायन संस्थान ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सहयोग से किया। कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुल सचिव डा. दिनेश कुमार जोशी, सहित अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

जूरी सदस्यों के रूप में  डॉ० गिरीश लखेड़ा, डॉ०  ए. एस. शुक्ला, डॉ० महेश मनचंदा, डॉ० भास्कर नौटियाल और संदीप भट्ट ने कथानक से परे जाकर निष्पक्ष निर्णय सुनाया। अंत में समाजसेवी श्री रोशन धस्माना ने सभी का आभार व्यक्त किया।