रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के पंचकेदारों में तीसरे केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट आज सुबह 11:30 बजे शीतकाल के लिए विधि-विधानपूर्वक बंद कर दिए गए। भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराना माना जाता है और समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कपाट बंदी की प्रक्रिया आज अलसुबह से पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शुरू हुई। सुबह 5 बजे मंदिर में शीतकालीन पूजा-अर्चना और विशेष अनुष्ठान किए गए। इसके बाद मंत्रोच्चार और वैदिक विधि से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली को गर्भगृह से निकालकर भक्तों के दर्शनार्थ
अब मक्कूमठ में होंगे बाबा के दर्शन
सुबह 11 बजे पूजा संपन्न होने के साथ ही मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए।
कपाट बंद होने के बाद बाबा तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ स्थित मर्कटेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई है।
लगभग 30 किलोमीटर लंबी यह यात्रा दो दिनों में पूरी होगी। बाबा की डोली आज चोपता और भुनकुन में विश्राम करेगी और 8 नवंबर को मक्कूमठ पहुंचेगी।
यात्रा पूरी होने के बाद श्रद्धालु छह माह तक वहीं बाबा तुंगनाथ के शीतकालीन दर्शन कर सकेंगे।
इस वर्ष 1.70 लाख श्रद्धालु पहुंचे तुंगनाथ धाम
मंदिर के प्रबंधक बलबीर सिंह नेगी ने बताया कि इस वर्ष करीब 1 लाख 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने तुंगनाथ धाम में दर्शन किए।
उन्होंने कहा कि इस बार कपाट बंदी की तैयारियों में स्थानीय भक्तों, पुजारियों और समिति के सदस्यों ने पूरी परंपरा और आस्था के साथ सहभागिता निभाई।
परंपरा के अनुसार समाधि और डोली यात्रा
सुबह से ही पुजारियों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना के बाद भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधि रूप में स्थापित किया गया। इसके उपरांत भोग मूर्तियों को गर्भगृह से निकालकर चल विग्रह डोली में विराजमान किया गया।
मंत्रोच्चार और शंखध्वनि के बीच बाबा की डोली ने मंदिर की परिक्रमा कर भक्तों को आशीर्वाद दिया और फिर मक्कूमठ की ओर प्रस्थान किया।
पंचकेदार यात्रा का धार्मिक महत्व
पंचकेदारों — केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर — में तुंगनाथ तीसरे केदार के रूप में पूजनीय हैं।
माना जाता है कि यहां भगवान शिव ने अपनी भुजाओं के रूप में दर्शन दिए थे। तुंगनाथ धाम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि हिमालय की गोद में बसे इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता भी श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव प्रदान करती है।