Rainbow News India* 11 सितंबर 2021
उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में इस बार अत्याधुनिक और ज्यादा सुरक्षित एम3 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। यह ईवीएम मशीन का तीसरा वर्जन है। ये मशीनें बिहार से उत्तराखंड में पहुंच चुकी हैं। इसके साथ ही निर्वाचन विभाग ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। ईवीएम के पहले वर्जन एम1 चुनाव प्रक्रिया से पहले ही बाहर हो चुकी है। 2006 से 2010 के बीच बनी ईवीएम के दूसरे वर्जन एम-2 से पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे। 2013 के बाद ईवीएम की तीसरी जेनरेशन एम-3 आई। इसमें 384 उम्मीदवारों की जानकारी जोड़ी जा सकती है। यानी एक साथ 24 बैलेटिंग यूनिटों को इससे जोड़ा जा सकता है।
उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के लिए 18,400 बैलेट यूनिट 17,100 कंट्रोल यूनिट और 18,400 वीवीपैट पहुंच चुकी हैं। इनका इस्तेमाल पिछले दिनों बिहार के विधानसभा चुनाव में किया गया था। इससे पहले पिथौरागढ़ और सल्ट विधानसभा उपचुनाव में इस ईवीएम का प्रयोग हो चुका है।
क्यों खास है ईवीएम एम-3 मशीन
यह मशीन खुद जांच करके बता देती है कि उसके सभी फंक्शन ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। कोई भी दिक्कत होगी तो कंट्रोल यूनिट की स्क्रीन पर दिखेगी। इसमें डिजिटल सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें अगर कोई बाहर की मशीन या डिवाइस लगाने की कोशिश होगी तो यह पूरा सिस्टम बंद हो जाएगा। यह टैंपर्ड प्रूफ प्रक्रिया पर काम करती है। अगर मशीन से छेड़छाड़ की गई या किसी बटन को बार-बार दबाया गया तो वह सिग्नल दे देती है। मशीन को खोलने की कोशिश करोगे तो यह बंद हो जाती है। इसमें चिप को एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। इसके सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ नहीं सकते। इसे इंटरनेट या दूसरे नेटवर्क से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
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