उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद अब दुनियाभर के बाजारों तक पहुंचेंगे, कैबिनेट बैठक में नई नीति को मिली मंजूरी

उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद अब दुनियाभर के बाजारों तक पहुंचेंगे, कैबिनेट बैठक में नई नीति को मिली मंजूरी

रेनबो न्यूज़ इंडिया* 7 दिसंबर2021

देहरादून: उत्तराखंड  के स्थानीय उत्पादों को दुनियाभर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने नई निर्यात नीति को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक में नई नीति को मंजूरी मिलने के बाद सरकार राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मार्केटिंग में भी मदद करेगी। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने नई नीति को मंजूरी दे दी है। इससे काश्तकारों, उद्यमियों और कारोबारियों को राहत मिलेगी। राज्य में अभी सबसे अधिक निर्यात फार्मा, इंजीनियरिंग, आटोमोबाइल, कृषि औद्योगिकी से जुड़े उत्पादों का है

नई निर्यात नीति में स्थानीय उत्पादों पर फोकस करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले सरकार राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला दो उत्पाद नीति को भी मंजूरी दे चुकी है।

नई नीति के अनुसार, राज्य में फूलों की खेती, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद,सगंध एवं औषधीय पौध आधारित उद्योग, हस्तशिल्प, जैसे क्षेत्रों पर फोकस करेगी। इसके अलावा फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में नई नई दवाओं के साथ ही उपकरणों, इंजीनियरिंग क्षेत्र में आटोमोबाइल व कंप्यूटर उपकरणों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

उद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा डेयरी, वनस्पति, शहद, खाद्य पदार्थ, खनिज उत्पाद, रसायनिक उत्पाद, रबड़, लकड़ी, कपड़ा समेत अन्य उत्पादों का निर्यात भी बढ़ाया जाएगा।

नई नीति में उद्यमियों को कई प्रोत्साहन देने की व्यवस्था है। सूत्रों ने बताया कि निर्यात बढ़ाने के लिए उद्यमियों को ट्रेंड किया जाएगा। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उत्पाद तैयार करने के लिए तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा। राज्य में आधुनिक टेस्टिंग लैब बनाने के साथ ही गुणवत्ता सुधारने के लिए कई प्रयास किए जाएंगे। कई उत्पादों पर सब्सिडी और प्रोत्साहन की भी व्यवस्था की गई है।

निर्यात के मामले में उत्तराखंड देश में 19वें स्थान पर है। राज्य में इस समय आटोमोबाइल और फार्मा सेक्टर से ही सबसे ज्यादा निर्यात हो रहा है। वर्ष 2019-20 में उत्तराखंड से 16971 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। देश के निर्यात में उत्तराखंड की हिस्सेदारी महज 0.48% ही है।अब सालाना निर्यात का लक्ष्य 15 से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ किया गया है। राज्य में 30 हजार नए रोजगार का भी लक्ष्य रखा गया है। बैंक गारंटी की शर्तों को सरल किया गया है,इसके अतिरिक्त कारोबारियों को ब्याज प्रतिपूर्ति भी मिलेगा।

राज्य की नई निर्यात नीति के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे थे। इसके लिए उद्योगों के स्तर पर भी कई सुझाव दिए गए थे। इस नीति को मंजूरी मिलने से निश्चित तौर से राज्य के काश्तकारों और उद्यमियों को बड़ा लाभ होगा।इसके अतिरिक्त राज्य की आर्थिकी को भी बढ़ावा मिलेगा।

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