संसाधनों और नई धाराओं के साथ उभरता खेल इकोसिस्टम नई संभावनाएं पैदा कर रहा है - पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। खेल विश्वविद्यालय लगभग 700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा और सिंथेटिक हॉकी मैदान, फुटबॉल मैदान, बास्केटबॉल / वॉलीबॉल / हैंडबॉल / कबड्डी मैदान, लॉन टेनिस कोर्ट, जिमनैजियम हॉल, सिंथेटिक रनिंग स्टेडियम, स्विमिंग पूल, बहुउद्देशीय हॉल और एक साइकिलिंग वेलोड्रोम सहित आधुनिक और अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे से लैस होगा। इस विश्वविद्यालय में निशानेबाजी, स्क्वॉश, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, कैनोइंग और कयाकिंग सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। विश्वविद्यालय में 540 महिला और 540 पुरुष खिलाड़ियों सहित 1080 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता होगी।
आयोजन में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हो या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्ज्वलित रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय इतिहास में मेरठ सिर्फ एक शहर नहीं बल्कि संस्कृति और शक्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।” स्वतंत्रता संग्रहालय, अमर जवान ज्योति और बाबा औघर नाथ जी के मंदिर की भावना को महसूस करने पर प्रधानमंत्री ने अपनी खुशी का इजहार किया।
प्रधानमंत्री ने मेरठ में सक्रिय रहे मेजर ध्यानचंद को याद किया। उन्होंने कहा कि मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य में लोकाचार में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। उन्होंने उस दौर को याद करते हुए कहा कि पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है। हमारे आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है। और इसलिए, जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा। और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ वर्षों में, उनकी सरकार ने भारतीय खिलाड़ियों को चार उपकरण प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को चाहिए- संसाधन, खिलाड़ियों को चाहिए- ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधाएं, खिलाड़ियों को चाहिए- अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, खिलाड़ियों को चाहिए- चयन में पारदर्शिता, हमारी सरकार ने बीते वर्षों में भारत के खिलाड़ियों को ये चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है, उसमें भी खेल को प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स को अब उसी श्रेणी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा।
उन्होंने कहा कि संसाधनों से खेल संस्कृति आकार लेती है और खेल विश्वविद्यालय इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। मेरठ की खेल संस्कृति के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर 100 से अधिक देशों में खेल के सामान का निर्यात करता है।
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