रेनबो न्यूज़ इंडिया * 22 मार्च 2022
कर्णप्रयाग (चमोली)। पृथ्वी पर पीने के पानी का प्रतिशत सिर्फ 3 प्रतिशत है जिसमें 2 प्रतिशत ग्लेशियर के रूप में तथा 1 प्रतिशत नदी-नालों, गदेरों के रूप में जीवन हेतु जीवधारियों के लिए है। उसके संरक्षण की चिंता कर राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ जल संरक्षण तथा नदियों, गदेरों, प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण तथा स्वच्छता हेतु लगातार कार्य कर रहा है।
विश्व जल दिवस पर स्वयससेवकों द्वारा अलकनंदा तथा पिंडर संगम तट पर कर्णप्रयाग में नदी पूजन के साथ साथ स्वच्छता का कार्य किया गया। जनमिलन तथा जल संरक्षण गोष्ठी में जलचक्र की वृद्धि हेतु जून-जुलाई में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने, नदी-नालों में कूड़ा-करकट न फेंकने, घरों पर छतों को वर्षा जल-संरक्षण हेतु संकल्प लिया।
राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ द्वारा राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण गतिविधि द्वारा जल-संरक्षण, वृक्षारोपण, प्लास्टिक उन्मूलन, स्वच्छता, पर बृहद रूप से कार्य किया जा रहा है।
इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला पर्यावरण प्रमुख सुबोध डिमरी ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व जल दिवस पर नदी-नालों में जल संरक्षण के साथ-साथ भूजल को दृश्यमान बनाना, जिसकी लगातार कमी हो रही है उसे बढ़ाना है।
इस मौके पर सहजिलाकार्यवाह डॉ० ए पी हटवाल, जिला प्रचारक जगदीप जी, जिला कार्यवाह विष्णु प्रसाद भट्ट, विभाग बौद्धिक प्रमुख मुरलीधर, राकेश, हिमांशु, चिंतामणी, दिनेश और राकेश के साथ ही इस मौके पर अर्जुन अवार्ड विजेता सुरेंद्र कनवासी भी मौजूद रहे।
नमामी-गंगे के स्नाकोत्तर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सफाई सेवा कार्य में भाग लिया सफाई में योगदान दिया।
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