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महाविद्यालय पौखाल में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के उपलक्ष पर संगोष्ठी का आयोजन

महाविद्यालय पौखाल में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के उपलक्ष पर संगोष्ठी का आयोजन

पौखाल (टि० ग०)। दिनाँक 29 जून 2022 को महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० ए एन सिंह के संरक्षण में महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग की विभागीय परिषद द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस  पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष  डॉ० अनुरोध प्रभाकर द्वारा किया गया। 

संगोष्ठी में डॉ० प्रभाकर ने सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो०  ए एन सिंह का स्वागत सम्मान किया।  साथ ही 29 जून के महत्व तथा आज के कार्यक्रम के विषय सतत विकास के लिए आँकड़े से सभी को परिचित व अवगत किया।

इसी क्रम में डॉ० प्रभाकर ने बताया कि हर वर्ष  29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकीय दिवस  (National Statistics Day) भारत में सांख्यिकीय विज्ञान के जनक कहे जाने वाले “पद्मविभूषण से अलंकृत प्रो० प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के अवसर पर उनके योगदान को समर्पित करते हुए मनाया जाता है। डॉ० प्रभाकर ने कार्यक्रम के उद्देश्यों,  महत्व, सांख्यकी के उपयोग तथा आँकड़ो के बारे में विस्तृत जानकारी को सभी के समक्ष रखा, तथा सतत विकास में आंकड़ों के महत्व को बताया। 

 इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य ने छात्रों को संबोधित करते हुए महालनोबिस के जीवन परिचय से छात्रों को अवगत कराया। प्राचार्य ने बताया कि प्रो०  प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म कोलकाता के कार्नवालिस स्ट्रीट स्थित उनके पैतृक आवास में 29 जून, 1893 को हुआ था,  तथा मृत्यु: 28 जून, 1972 को हुई थी। वे प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद थे। उन्हें दूसरी पंचवर्षीय योजना के अपने मसौदे के कारण जाना जाता है। वे भारत की आज़ादी के पश्चात् नवगठित मंत्रिमंडल के सांख्यिकी सलाहकार बने थे। औद्योगिक उत्पादन की तीव्र बढ़ोतरी के जरिए बेरोज़गारी समाप्त करने के सरकार के प्रमुख उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने योजनाएँ बनाई।

इसी क्रम में महाविद्यालय प्राचार्य ने छात्रों को बताया कि व्यापक सामाजिक-आर्थिक आंकड़े उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीसी महालनोबिस ने 1950 में नेशनल सैम्पल सर्वे की स्थापना की थी. उन्होंने देश में सांख्यिकीय गतिविधियों के समन्वय के लिए केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की भी स्थापना की थी,  तथा भारत मे जनांकिकीय गणना में तथा कई विकास योजनाओं में प्रो प्रशांत चंद्र महालनोबिस जी के योगदान  को याद  पहली बार राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 29 जून 2006 को मनाया गया था। वर्ष 2022 में महालनोबिस की जयंती को 16वे राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस  रूप में मनाया जा रहा है जिसकी थीम सतत विकास के लिए आँकड़े है।

प्राचार्य ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं को बताया कि किस प्रकार गलत आंकड़े एवं तथ्यों के प्रयोग द्वारा देश का नुकसान हो रहा है। अंत मे  महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ए. ऐन. सिंह जी ने सभी को कार्यक्रम की सफलता की बधाई दी।

कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ० बी. आर. बद्री, डॉ० मीनाक्षी वर्मा, डॉ० अंधरूति शाह, डॉ० अनुरोध प्रभाकर, डॉ० संतोषी, कर्मचारी – राजेन्द्र सिंह बिष्ट, राजेन्द्र राणा, मनोज, गम्भीर सिंह के अतिरिक्त अन्य  शिक्षेणतर  कर्मचारी गण एवं कु० दीक्षा, यशोदा, अजय, रेशमा, कोमल, रेणु, सपना, शिवानी, अंजली, कविता, कामिनी, सविता, कृष्णा, किरण, मीनाक्षी, कृष्णा, सुमन आदि  छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।

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