नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 12 साल पहले पत्नी की हत्या करके उसके शव के 72 टुकड़े करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर को शार्ट टर्म जमानत दे दी है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सोमवार को राजेश गुलाटी को स्वास्थ्य के आधार पर 45 दिन की जमानत दी है।
मामले में अगली सुनवाई की तारीख 15 सितंबर तय की गई है। गुलाटी ने अदालत में शार्ट टर्म जमानत अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि उसे सर्जरी करवाने की जरूरत है। गुलाटी ने 17 अक्टूबर, 2010 को देहरादून में अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर दी थी जिसके लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी।
‘डीप फ्रीजर हत्याकांड’ के रूप में कुख्यात मामले का खुलासा 12 दिसंबर, 2010 को तब हुआ जब अनुपमा का भाई उसे ढूंढते हुए दिल्ली से देहरादून आया। गुलाटी ने अनुपमा के शव को छुपाने के लिए उसके 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में डाल दिए और वह रोजाना उससे एक-एक टुकड़े को निकालकर मसूरी के रास्ते में पड़ने वाले नाले में फेंक आता था।
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