रेनबो न्यूज़ इंडिया * 20 सितंबर 2022
देहरादूनः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के एक प्रफेसर ने प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाले पॉलीबैग बनाने की प्रौद्योगिकी विकसित की है। संस्थान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘आईआईटी रुड़की के रसायन अभियांत्रिकी विभाग में प्रोफेसर पीपी कुंडू ने एक थर्मोप्लास्टिक स्टार्च विकसित किया है जिसे एलडीपीई बायोडिग्रेडेबल (प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाली) बनाने के लिए कम घनत्व पॉलीथीन (एलडीपीई) के साथ मिश्रित किया जाएगा।’
भारत स्टार्च-उत्पादन से संबंधित सब्जियों और खाद्यान्न का उत्पादन करता है जैसे कि आलू, चावल, गेहूं, और मक्का या मकई स्टार्च के साथ-साथ अन्य स्टार्च जो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, आईआईटी रुड़की ने प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाले पॉलीबैग का बड़ी मात्रा में निर्माण करने के लिए इस प्रौद्योगिकी को नोएडा स्थित अग्रसार इनोवेटिव्स एलएलपी को हस्तांतरित कर दिया है। फर्म बड़ी मात्रा में इस तरह के पॉलीबैग के निर्माण के लिए वर्तमान प्रौद्योगिकी का व्यावसायिक उपयोग करेगी। पॉलीबैग पर प्रतिबंध को देखते हुए देश में ऐसी प्रौद्योगिकी काफी काम की साबित हो सकती है।
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