Delhi: अनुसंधानकर्ताओं ने पान के पत्तों (betel leaf) से तेल को अलग करने के लिये एक नयी तकनीक विकसित की है। नयी तकनिकी से इस प्रक्रिया की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है। इसके साथ ही अपशिष्ट में भी कमी आ सकती है। आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी द्वारा जाकारी दी गयी कि विकसित उपकरण से मौजूदा तकनीक की तुलना में 30 प्रतिशत ऊर्जा बचाई जा सकती है। इसके साथ ही पान के पत्तों के तेल की मात्रा में 16 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। आईआईटी खड़गपुर के एक प्रवक्ता ने कहा कि पान के पत्तों से तेल निकालने की मौजूदा प्रक्रिया कम आर्थिक व्यवहार्यता से जूझ रही है। वर्तमान प्रक्रियाओं में अपशिष्ट भी अधिक निकलता है। इस समस्या का हल निकालने के लिये प्रो० प्रशांत गुहा और आईआईटी खड़गपुर के कृषि एवं खाद्य इंजीनियरिंग विभाग के अनुसंधानकर्ताओं के समूह ने यह तकनीक विकसित की है। प्रो० गुहा ने कहा, ”पान की पत्तियां उगाने वालों के लिये यह उपकरण किफायती है क्योंकि 10 लीटर यूनिट वाले उपकरण को बनाने की कीमत 10 हजार जबकि 20 लीटर यूनिट वाले उपकरण की कीमत 20 हजार रुपये है।”
Betel Leaf Essential Oil Extractor developed by @IITKgp researchers to check such wastage of betel leaf farm produce by making essential oil extraction economically viable. [16% yield increase, saving 44% time and 30% energy] (1/n)https://t.co/K4vDqkL4Fi pic.twitter.com/wwfPcvqZJE
— IIT Kharagpur🇮🇳 #StaySafe (@IITKgp) April 9, 2021
उन्होंने कहा, ”इस उपकरण को छोटे किसान भी आसानी से अपने पास रख सकते हैं। इसका इस्तेमाल कर एक व्यक्ति प्रतिदिन तीन पालियों में करीब 10 से 20 मिली लीटर आवश्यक तेल निकाल सकते हैं। तेल की कीमत गुणवत्ता के आधार पर 30 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक हो सकती है।”
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