उत्तराखंड में देहरादून के डोईवाला में तीन पादरियों पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा है। प्राप्त जानकारी अनुसार आरोप है कि उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को धन का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया। पादरियों के नेतृत्व में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक कैंडल मार्च भी निकाला गया था। आरोपों के आधार पर पुलिस ने फिलहाल धार्मिक भावनाओं को आहत करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल मामले में धर्म परिवर्तन किए जाने की पुष्टि नहीं हो पाई है।
मामले में विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री एके सिंह और बजरंग दल के विभाग संयोजक नवीन तेजेश्वर की ओर से शिकायत की गई है। उन्होंने बताया कि पादरी थामस मैसी, टॉमस मैसी और रोकी थॉमस आदि क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर व बेसहारा लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। साथ ही बताया कि 24 दिसंबर को क्षेत्र में माहौल खराब करने के इरादे से इन्होंने कैंडल मार्च भी निकाला।
एसपी देहात कमलेश उपाध्याय ने बताया कि गत 25 दिसंबर को तहरीर के आधार पर आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यदि धर्म परिवर्तन की पुष्टि होती है तो धाराएं बढ़ाकर नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही जानकारी दे दे कि कुछ दिन पहले उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र के गांव में कुछ लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया था। इस मामले में मसूरी के पादरी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराए जाने की बात की जा रही है, उनमें से अभी कोई सामने नहीं आया है। पुलिस लगातार लोगों से बातचीत और पूछताछ कर रही है। पुलिस के अनुसार, यदि लोगों की धार्मिक पहचान बदली गई है और वास्तव में धर्म परिवर्तन हुआ है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी भूमि पर कब्जा कर चर्च बनाने का भी आरोप
हिंदू संगठन के लोगों का कहना है कि इन लोगों ने लालतप्पड़ क्षेत्र में सरकारी भूमि पर कब्जा कर अवैध रूप से चर्च का निर्माण किया है। इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं भी आहत हो रही हैं। इस आधार पर मामले में जमीन कब्जाने की धाराएं भी पुलिस ने लगाई हैं।
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