MDDA Update: मकान में यूरिनल पैनल और लॉन बनाना होगा अनिवार्य, पढ़िए कारण

MDDA Update: मकान में यूरिनल पैनल और लॉन बनाना होगा अनिवार्य, पढ़िए कारण

जल संरक्षण के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने भवन का नक्शा स्वीकृत कराने के नियमों में बदलाव किए हैं। अब मकान बनवाते समय शाैचालय में यूरिनल पैनल लगवाना अनिवार्य होगा, ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके। भवन स्वामी को नक्शे में भी इनका उल्लेख करना होगा। ऐसा न करने पर मानचित्र को स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि आमतौर पर शौचालयों में सामान्य टॉयलट सीट लगाई जाती है। इससे सिस्टर्न के माध्यम से काफी पेयजल खर्च होता है। इसी को देखते हुए शौचालय में यूरिनल पैनल को अनिवार्य किया जा रहा है। सभी अभियंताओं को आदेश जारी किए गए हैं कि इसका उल्लेख मानचित्र में कराने के साथ ही स्वीकृत मानचित्र के साथ जारी किए जाने वाले कवरिंग लेटर में भी किया जाए।

300 वर्ग मीटर से बड़े मकानों में बनेंगे लॉन

एमडीडीए के उपाध्यक्ष ने कहा कि आवासीय मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद भवन स्वामी भूखंड के खुले भाग को सीमेंट कंकरीट या टाईल्स आदि से कवर कर देते हैं। इससे बारिश का पानी भूगर्भ में नहीं जा पाता है। भूजल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अब 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले मकानों में लॉन बनाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत भवन के आगे के हिस्से में लॉन बनाया जाएगा। इससे बारिश का पानी भूगर्म में आसानी से जा सकेगा।

प्राचीन कुओं को किया जाएगा संरक्षित

प्राधिकरण ने जिले में प्राचीन कुओं की तलाश शुरू कर दी है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने नगर निगम देहरादून के नगर आयुक्त समेत सभी एसडीएम को पत्र भेजकर जिले में स्थित कुओं की सूची मांगी है। ताकि इन कुओं का संरक्षण किया जा सके। संरक्षण के बाद इन प्राचीन कुओं से आसपास रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। देहरादून शहर के अलावा गढ़ी कैंट, मसूरी आदि क्षेत्रों में ऐसे तमाम कुएं हैं, जिनका अब इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

ग्रुप हाउसिंग, मॉल, होटलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की होगी जांच

देहरादून। जल संरक्षण के लिए एमडीडीए होटल, मॉल, ग्रुप हाउसिंग से लेकर सभी बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के उपायों की जांच करेगा। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तिवारी ने बताया कि जहां भी बारिश के पानी के संरक्षण के उपाए नहीं पाए जाएंगे, वहां नोटिस के साथ जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के भवनों में वर्षा जल के संरक्षण के लिए उपाय करना अनिवार्य है। वहीं, जिन भवन निर्माताओं ने मानचित्र में रूफ टाॅप सोलर पैनल दर्शाया है लेकिन उसका निर्माण नहीं किया है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।