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जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य समूह की बैठक उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में शुरू

जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य समूह की बैठक उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में शुरू

जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य समूह की तीसरी तीन दिवसीय बैठक उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के नरेंद्र नगर में आज से शुरू हो गई है। इसमें जी-20 देशों के अलावा 8 आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित कुल 63 भाग ले रहे हैं। जी-20 देशों में से 16 देशों के प्रतिनिधि यहां पहुंच चुके हैं जबकि 4 देशों के प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से बैठक से जुड़ रहे हैं। इसमें भविष्य के टिकाऊ शहरों का रोडमैप के साथ ढांचागत विकास की विभिन्न कार्य धाराओं की दिशा की ठोस प्रगति पर चर्चा की जाएगी।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव सोलोमन अरोकियाराज ने बताया कि ढांचागत विकास कार्य समूह की तीसरी बैठक के पहले दिन शहरों में मूलभूत ढांचागत विकास पर चर्चा हो रही है। एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक के साथ साझेदारी में शहरों के ढांचागत विकास पर चर्चा होगी। इसमें भविष्य के शहरों का समावेशी विकास, प्रौद्योगिकी, इंफ्राटेक और डिजिटलीकरण की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। प्रतिनिधि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी शहरों में से 1 नए शहर नुसंतारा के विकास के मॉडल को समझेंगे। इसके अलावा शहरों के ढांचागत विकास में सरकार के अतिरिक्त निजी संस्थाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनका योगदान सुनिश्चित करने और प्राकृतिक चुनौतियों से लड़ने के लिए आपसी सामंजस्य पर मंथन किया जाएगा।

3 दिनों की इस बैठक के दौरान प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और विरासत से जोड़ने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजन किया जा रहा है। स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी लेंगे। उत्तराखंड सरकार की ओर से रात्रि भोज व संवाद भी आयोजित होगा। प्रतिनिधि 28 जून को टिहरी जिले के मॉडल विलेज ओणी गांव का दौरा करेंगे। साथ ही मेहमानों को ऋषिकेश के आध्यात्मिक वातावरण और प्राकृतिक छटा का अनुभव भी करवाया जाएगा। इसके अलावा त्रिवेणी घाट की संध्या कालीन गंगा आरती में शामिल होंगे।

जी-20 ढांचागत विकास कार्य समूह, बुनियादी ढांचे के निवेश के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श करता है। बुनियादी ढांचे के निवेश के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के साथ ढांचागत विकास कार्य समूह के नतीजे जी-20 फाइनेंस ट्रेक प्राथमिकताओं में शामिल होते हैं और ढांचागत विकास को बढ़ावा देते हैं।

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