रेनबो न्यूज़* 15/ 7/23
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को कहा कि ‘हरेला’ त्योहार सुख, समृद्धि, शांति, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है। उन्होंने हरेला पर्व के अवसर पर यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में ‘जल संरक्षण एवं जलधाराओं का पुनर्जीवन’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया तथा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय प्रयास करने वाले विद्यालयों एवं वन पंचायतों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई देते हुए सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व सुख, समृद्धि, शांति, पर्यावरण एवं प्रकृति संरक्षण का प्रतीक है। “यह त्यौहार सामाजिक समरसता का त्यौहार है और ऋतु परिवर्तन का सूचक भी है। यह दिन प्रकृति और मानव के सह-अस्तित्व को याद करने और प्रकृति के संरक्षण का संकल्प दोहराने का दिन है। उत्तराखंड प्राकृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। हरेला है सीएम धामी ने कहा, एक ऐसा त्योहार, जो प्रकृति से हमारी निकटता को और गहरा करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी को संकल्प लेना होगा कि हम प्राकृतिक विरासत और विरासत को संरक्षित कर भावी पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण देंगे। इस बार राज्य में हरेला पर्व की थीम जल संरक्षण और जलधाराओं का पुनर्जीवन तय की गई
है। उन्होंने सभी से जल संरक्षण एवं संवर्धन में योगदान देने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने सर्कुलर इकोनॉमी पर बहुत जोर दिया है। क्योंकि जल संरक्षण के क्षेत्र में सर्कुलर इकोनॉमी की भी बड़ी भूमिका है, जब उपचारित पानी का पुन: उपयोग किया जाएगा, ताजे पानी का संरक्षण किया जाएगा, तो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बहुत लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों से देश में जितनी भी प्रमुख विकास योजनाएं चल रही हैं, उन सभी में किसी न किसी रूप में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण का भी आह्वान है संरक्षण। ”स्वच्छ भारत मिशन हो या वेस्ट टू हेल्थ से जुड़े कार्यक्रम, अमृत मिशन के तहत शहरों में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, या सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान या नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा स्वच्छता अभियान, इस क्षेत्र में हमारे देश के प्रयास पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण का कार्य बहुआयामी हो गया है। जल संरक्षण की दिशा में प्रधानमंत्री द्वारा पूरे देश में अमृत सरोवर की शुरूआत की गई है। अमृत सरोवर योजना के तहत जिला स्तर, शहर स्तर पर जीर्ण-शीर्ण तालाबों का जीर्णोद्धार कर उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है।
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