उत्तराखंड में जिस तरह नशा तस्कर पैर पसार रहे है, युवा नशे के आदी हो रहे है, सीएम धामी भी नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान चला रहे है। जिसके लिए अगल-अलग प्रयास भी किए जा रहे है तो वहीं अब ग्रामीण भी नशे के खिलाफ एक जुट हो गए है। अब नशा तस्करों की खैर नहीं होगी, जी हां देहरादून से सटे एक गांव में ग्रामीणों ने नशे की समस्या पर चर्चा करते हुए कड़े फैसले लिए है। आइए जानते है क्या है ग्रामीणों के फैसले…
प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून से सटे कालसी तहसील के ग्राम बजऊ में नशे की प्रकोप को लेकर ग्रामीणों की बैठक आयोजित हुई। इसमें ग्रामीणों ने स्मैक, भांग, धतुरा, चरस आदि नशे की युवाओं में बढ़ती लत को लेकर चिंता जताई। गांव में नशे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है।जिस पर ग्रामीणों ने सर्वसम्मति के आधार पर फैसला लिया कि गांव में नशे का सामान बेचने और नशा करने वाले व्यक्ति पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा। इतना ही नहीं नशा करने वाले की सूचना देने वाले व्यक्ति को भी इसी अर्थदंड में से 10 हजार रुपये का इनाम भी दिया जाएगा।यदि कोई व्यक्ति लगाए गए अर्थदंड देने से इन्कार करेगा तो उसका पूरा गांव एकमत होकर सामाजिक बहिष्कार करेगा।
बताया जा रहा है कि कालसी में नशे के विरुद्ध हुई महापंचायत के बाद गांव-गांव में खुमड़ी (बैठक) हो रही हैं। जिसमें नशे का सामान बेचने और नशा करने वालों के विरुद्ध सख्त कदम उठाने पर विचार किया जा रहा है। इसी क्रम में मझगांव व बजऊ गांव में बैठक आयोजित कर नशे का सामान बेचने और नशा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कराने के साथ ही अर्थदंड लगाया जाएगा।